दिल्ली। पूरे 1 हफ्ते तक फ्लाइट रद्दीकरण के बाद इंडिगो की उड़ाने (Indigo Flights Crisis) धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं। इंडिगो एयरलाइंस के ज्यादातर विमान आसमान में उड़ान भर रहे हैं। हालांकि, इंडिगो ने लगातार आठवें दिन भी 100 से ज्यादा फ्लाइट्स रद करने की घोषणा की है।
इंडिगो की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, आज (9 दिसंबर) इंडिगो की 100 से अधिक फ्लाइट्स कैंसिल की गई हैं। इनमें चेन्नई, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम जैसे एयरपोर्ट्स के नाम शामिल है। वहीं, इंडिगो की लापरवाही के बाद सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। इंडिगो ने यात्रियों को रिफंड, रिबुकिंग या अन्य राहत देने का वादा किया है, मगर आज फिर से बड़ी संख्या में कैंसिलेशन से भरोसा नहीं कायम हो पाया।
सरकार का कड़ा रुख
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया है कि इंडिगो की विंटर-शेड्यूल क्षमता में कटौती की जाएगी और कुछ स्लॉट अन्य एयरलाइंस को दिए जाएंगे। इसके साथ ही देशभर के हवाई अड्डों पर परिचालन की समीक्षा के लिए उच्च अधिकारियों को तैनात किया गया है।
सरकार का कहना है कि इंडिगो की सामना की गई परेशानी सिर्फ एक एयरलाइन की समस्या नहीं — बल्कि पूरे भारतीय विमानन उद्योग के लिए चेतावनी है। अब वो सुनिश्चित करना चाहती है कि भविष्य में ऐसी हालात दोबारा न बनें। यात्रियों की परेशानी और अगला कदम
यात्री अभी भी कैंशिलेसन, बैगेज देरी, रिबुकिंग और सूचना की कमी से जूझ रहे हैं। कुछ हवाई अड्डों पर लोग रातों-रात इंतजार करते हुए देखे गए, कईयों की योजनाएँ पलट गईं। अब सरकार ने DGCA के साथ समीक्षा कर विमानन नियमों, पायलट व क्रू रोस्टरिंग, और स्लॉट आवंटन को फिर से व्यवस्थित करने का निर्णय लिया है।

