लेह में हिंसा के 16 दिन बाद भी हालात खराब, पर्यटन पर गहराया संकट

16 days after violence in Leh, situation remains grim, tourism in crisis deepens

दिल्ली। लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा के 16 दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। पर्यटन नगरी के होटल, बाजार और टैक्सी स्टैंड सूने पड़े हैं। 5 से 10 हजार रुपये किराए वाले होटल कमरे अब 500 रुपये में भी नहीं भर रहे। लेह होटल एंड गेस्ट हाउस एसोसिएशन की अध्यक्ष रिगजिन वाग्मो लेचिक के अनुसार, हिंसा के बाद 80% पर्यटक बुकिंग रद्द हो गईं, जिससे लगभग 2000 होटल व गेस्टहाउस खाली हैं। लद्दाख की जीडीपी में पर्यटन का 50% हिस्सा है, लेकिन इस बार सीजन ठप पड़ गया है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इंटरनेट सेवा 16 दिन बाद गुरुवार रात बहाल हुई, मगर माहौल अब भी तनावपूर्ण है। हिंसा में 3 युवाओं और एक पूर्व सैनिक की मौत हुई थी। सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के अनशन के दौरान भड़की हिंसा के बाद से प्रशासन ने कड़ी पाबंदियां लगाई हैं। लेह टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष थिंलेस नामग्याल ने बताया कि 24 सितंबर से अब तक कोई बुकिंग नहीं मिली, करीब 6 हजार ड्राइवर बेरोजगार बैठे हैं।

उप राज्यपाल ने दावा किया है कि हालात सामान्य हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि धारा 163 के बीच किसी को एक जगह इकट्ठा होने की भी अनुमति नहीं है। हिंसा में हुई फायरिंग का आदेश किसने दिया, इस पर अब तक कोई जवाब नहीं मिला। वहीं, वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने बताया कि वे जोधपुर जेल में हैं और सुप्रीम कोर्ट में 14 अक्टूबर को उनकी रिहाई याचिका पर सुनवाई होगी।

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