कर्नाटक में भारी बारिश के कारण बेंगलुरु में मंगलवार को एक निर्माणाधीन 7 मंजिला इमारत गिर गई। इसमें 5 लोगों की मौत हो गई है। मलबे के अंदर 21 लोग फंसे हुए थे, जिनमें से 13 लोगों को बचा लिया गया। वहीं, 3 लोग अभी भी मलबे में दबे हैं।
NDRF की टीम ने मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। बुधवार सुबह डॉग स्क्वॉड की टीम को भी बुलाया गया। मलबा हटाने के लिए टीम ने बड़ी मशीनें भी मंगवाई हैं। एक चश्मदीद मजदूर ने बुधवार को बताया कि हम कल दोपहर एक बजे खाना खा रहे थे। तभी जोर से आवाज सुनाई दी। यह बिल्डिंग हिलने लगी, और कुछ देर बाद गिर गई।
कर्नाटक में इस मुद्दे पर सियायत शुरू हो गई है। विपक्षी दल JDS ने कांग्रेस पर बेंगलुरु की दुर्दशा करने का आरोप लगाया है। डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने कहा आपने देखा होगा कि दुबई और दिल्ली में क्या हो रहा है। देश के कई हिस्सों में ऐसी ही स्थिति है। हम प्रकृति को रोक नहीं सकते, लेकिन हम मैनेज कर रहे हैं।
बिल्डिंग अवैध रूप से बनाई जा रही थी
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मंगलवार रात को घटनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने ही जानकारी दी थी की मलबे में 21 लोग फंसे हुए थे। उन्होंने कहा कि इमारत 60/40 जमीन पर अवैध रूप से बनाई जा रही थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कर्नाटक में पिछले 3 दिनों से बारिश
बेंगलुरु सहित कर्नाटक के कई हिस्सों में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उत्तर बेंगलुरु के यलहंका और आसपास के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। यलहंका के केंद्रीय विहार में कमर तक पानी भर गया है। राहत और बचाव कर्मियों ने नावों की मदद से लोगों को बाहर निकाल दिया गया है।
कर्नाटक में साइक्लोन दाना का भी असर
अंडमान सागर से उठा चक्रवाती तूफान ‘दाना’ बंगाल की खाड़ी की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। साइक्लोन 24 अक्टूबर को आधी रात या फिर 25 अक्टूबर की सुबह पुरी तट से टकराएगा। इसका असर कर्नाटक में भी देखने को मिल रहा है। यहां तूफान आने से पहले ही भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।