रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की आधिकारिक एंट्री हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने इस जांच के लिए CBI को औपचारिक मंजूरी दे दी है। गृह विभाग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम की धारा 6 के तहत CBI को राज्य में जांच करने के अधिकार दिए गए हैं।
इस अधिसूचना के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय की CID शाखा ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (SP) और रेंज IG को निर्देश दिया है कि वे CBI को हर आवश्यक सहयोग प्रदान करें। अब तक इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) द्वारा की जा रही थी।
एक और गिरफ्तारी, आरोपी नवनीत तिवारी गिरफ्तार
इसी घोटाले से जुड़ी एक बड़ी कार्रवाई में EOW-ACB ने रविवार को आरोपी नवनीत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर अवैध कोल लेवी वसूली और अवैध धनराशि के निवेश की योजना में शामिल होने का आरोप है। वह 2022 में ED की छापेमारी के बाद से फरार था। अदालत ने उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया था।
570 करोड़ का घोटाला, मास्टरमाइंड जेल में
इस घोटाले का मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी इस समय जेल में है। हालांकि, निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया समेत अन्य आरोपी जमानत पर बाहर हैं। अब तक इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है। ED का दावा है कि कोयला व्यापार में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर, सिंडिकेट बनाकर करीब 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई थी। CBI की एंट्री से जांच में अब और भी तेजी आने की संभावना है।