रायपुर के फारूक हत्याकांड में हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत: उम्रकैद की सजा घटाकर 10 साल

CGPSC scam: High Court asks why investigation is still incomplete, seeks status report from government; appointments of 37 selected candidates pending

बिलासपुर। रायपुर के बहुचर्चित फारूक खान हत्याकांड में हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों की उम्रकैद की सजा घटाकर 10-10 साल कर दी है। कोर्ट ने माना कि यह हत्या अचानक हुए झगड़े और गुस्से का नतीजा थी, जिसमें कोई पूर्व नियोजित साजिश या योजना नहीं थी। मामला मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की खंडपीठ में सुना गया।

घटना 14 फरवरी 2022 की रात बैजनाथपारा में हुई। एक शादी समारोह में डीजे पर डांस को लेकर राजा उर्फ अहमद रजा और फारूक खान के बीच बहस हुई। विवाद बढ़ने पर राजा ने जेब से चाकू निकालकर फारूक के सीने पर वार किया। फारूक को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। पुलिस ने राजा के साथ मोहम्मद इश्तेखार और मोहम्मद शाहिद को गिरफ्तार किया। ट्रायल कोर्ट ने फरवरी 2024 में राजा को हत्या (धारा 302) और दोनों साथियों को हत्या में सहभागिता (302/34) में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट में बचाव पक्ष ने कहा कि यह घटना अचानक हुई थी और कोई पूर्व नियोजित साजिश नहीं थी। मेडिकल रिपोर्ट से भी स्पष्ट हुआ कि केवल एक वार हुआ था। राज्य पक्ष ने सजा बरकरार रखने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि मामला आईपीसी धारा 300 के अपवाद 4 के तहत आता है, यानी अचानक हुए झगड़े में हत्या हुई।

हाईकोर्ट ने राजा और साथियों को धारा 304 (भाग-1) के तहत 10-10 साल कठोर कैद और 500-500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। आर्म्स एक्ट के तहत एक साल की सजा पहले जैसी रहेगी और सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। कोर्ट ने कहा कि शादी में अचानक हुए विवाद में कोई पूर्व योजना नहीं थी, इसलिए इसे कुलपेबल होमिसाइड माना गया और सजा में राहत दी गई।

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