ISI की नई साजिश बेनकाब: लाइक्स और व्यूज के लालच में फंसे भारतीय इंफ्लुएंसर्स, IB ने किया खुलासा

ISI, Pakistani intelligence agency, Indian influencers, social media, likes and views, Operation Sindoor, IB, espionage, propaganda, free travel, blackmail, YouTuber Jyoti Malhotra, Jasbir Singh, Wasim Akram, security, national security, high alert, digital espionage, Pakistan High Commission,

  दिल्ली। नई खुफिया पड़ताल में सामने आया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआइ अब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के जरिए भारत में सूचनाएँ इकट्ठा करने और प्रचार-प्रसार फैलााने का सक्रिय प्रयास कर रही है। केंद्रीय जाँच एजेंसियों और आईबी की जांच में पाया गया है कि इस नई रणनीति में लाइक्स-व्यूज और मुफ्त यात्राओं के लालच से प्रभावित भारतीय क्रिएटर्स को जाल में फंसाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक अनुमान में आईएसआइ ने 300-400 तक इंफ्लुएंसरों को टार्गेट कर रखा है — इन्हें पहचान कर पहले संपर्क बनाया जाता है, फिर लोकप्रियता और अवसरों का वादा कर पाकिस्तान या उसके नेटवर्क से जोड़ा जाता है। इस तरीके से न सिर्फ सूचनाएँ हासिल होती हैं, बल्कि प्रोपेगैंडा भी बड़ी तादाद में फैलाया जा सकता है।

हाल के दिनों में कुछ यूट्यूबर्स और ट्रैवल इंफ्लुएंसर्स की गिरफ्तारी इसी पैटर्न को उजागर करती है। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की कवायद में ज्योति मल्होत्रा और हाल ही में हरियाणा के यूट्यूबर वसीम अकरम के संबंध सामने आए हैं — जिनके फोन और चैट अनाकलनीय कनेक्शनों की तस्दीक कर रहे हैं। जांच में यह भी पता चला है कि कई मामलों में पाकिस्तान उच्चायोग और स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल संपर्क साधने में किया गया।

इंटेलिजेंस ब्यूरो और राज्य एजेंसियाँ अब इस नेटवर्क पर पैनी नजर रखे हुए हैं। एजेंसियों का कहना है कि जरूरी नहीं कि हर टार्गेट से सीधे मिसिल-संबंधी जानकारी ली जाए; कभी-कभी संवेदनशील तस्वीरें, लोकेशन, रियल-टाइम गतिविधियाँ और माहौल-निर्माण वाले कंटेंट बेहद काम के सिद्ध होते हैं। सुरक्षा संस्थाएं क्रिएटर्स को सतर्क रहने और संदिग्ध ऑफर/मुफ्त यात्रा प्रस्तावों की जानकारी तुरंत साझा करने की अपील कर रही हैं।

यह खुलासा दर्शाता है कि डिजिटल युग में सूचना-युद्ध कितना महीन और खतरनाक हो गया है — जहाँ लाइक्स-व्यूज़ का भूखा कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम बन सकता है। अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर पारदर्शिता और सतर्कता अब केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक सुरक्षा का मामला है।

Share This News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *