जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

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दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में 14 अगस्त को कोर्ट ने केंद्र सरकार से आठ हफ्तों के भीतर लिखित जवाब मांगा था। चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति और जमीनी हालात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

दरअसल, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था। दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को संवैधानिक करार दिया था। तब केंद्र ने भरोसा दिया था कि चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। हालांकि, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि 21 महीने बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

याचिकाएं प्रोफेसर जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक ने दायर की हैं। उनका तर्क है कि राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव हुए हैं, जिससे स्पष्ट है कि हालात सामान्य हैं और अब निर्वाचित सरकार को पूर्ण अधिकार मिलना चाहिए। राज्य का दर्जा न होने से लोकतंत्र और संघीय ढांचा कमजोर हुआ है।

धारा 370 हटाने के पीछे सरकार का तर्क था कि यह कदम राष्ट्रीय एकता और विकास के लिए जरूरी था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया। अब राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन करना होगा।

सितंबर 2024 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। तीन चरणों में हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि भाजपा दूसरे स्थान पर रही।

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