छत्तीसगढ़ में मेडिकल स्टोर्स पर छापे, कोल्ड्रिफ व मिलते-जुलते सिरप के सैंपल जब्त

Raids on medical stores in Chhattisgarh, samples of cold-drink and similar syrups seized

रायपुर। मध्यप्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे देश में इसी फार्मूले की दवाओं की जांच शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ में भी राजधानी समेत कई मेडिकल स्टोर्स पर ड्रग इंस्पेक्टरों ने छापेमारी कर सैंपल जब्त किए हैं। जांच में फिलहाल कोल्ड्रिफ सिरप नहीं मिला, लेकिन मिलते-जुलते फार्मूले के कुछ सिरप लैब भेजे गए हैं।

बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अब मेडिकल स्टोर्स बिना डॉक्टर की पर्ची के दो साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप नहीं दे रहे हैं। भाठागांव, तेलीबांधा, श्याम नगर, मठपुरैना, भनपुरी और अन्य इलाकों में मेडिकल स्टोर्स ने बताया कि केवल डॉक्टर की सलाह पर सिरप मिलेगा। भास्कर टीम ने भी इस व्यवस्था का सत्यापन किया।

मध्यप्रदेश में सितंबर में कफ सिरप पीने से 22 बच्चों की मौत हुई थी। जांच में यह सिरप तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी का था, जिसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल जैसी जहरीली मात्रा पाई गई। कंपनी के मालिक गोविंदन रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया। छिंदवाड़ा और चेन्नई पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर फैक्ट्री को सील किया।

देशभर में अब सेंट्रल ड्रग रेगुलेटर (CDSCO) अभियान चला रहा है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट मंगाई गई है। कंपनियों की जांच और ऑडिट किया जाएगा ताकि दवा की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने चेताया है कि कई फैक्ट्रियों में गुणवत्ता जांच नहीं की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट भी बच्चों की मौत और दवा सुरक्षा की समीक्षा के लिए सुनवाई करेगा। राज्य और केंद्र सरकारें दोनों ही मामलों में सख्ती बरत रही हैं ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों।

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