रायपुर। हाल ही में राजस्थान और आंध्र प्रदेश में बसों में आग लगने की घटनाओं के बाद छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग भी सक्रिय हो गया है। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है कि अब प्रदेश की सभी स्लीपर और एसी बसों की सुरक्षा जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी।
परिवहन विभाग के अनुसार, प्रतिदिन हजारों बसें राज्य में विभिन्न मार्गों पर चलती हैं, जिनसे लाखों यात्री सफर करते हैं। इन हादसों के मद्देनजर विभाग ने सभी बस ऑपरेटरों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब हर बस में फायर सेफ्टी उपकरण, आपातकालीन निकास और इलेक्ट्रिकल वायरिंग सिस्टम की नियमित जांच की जाएगी।
राज्य से प्रतिदिन 600 से अधिक स्लीपर बसें पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश, ओड़िशा, बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और आंध्रप्रदेश के लिए संचालित होती हैं। 50 लाख से एक करोड़ रुपए की लागत वाली इन लक्जरी बसों में सेफ्टी डिवाइस होने के दावे किए जाते हैं। रेल टिकट न मिलने के कारण यात्री अब 400 से 1200 किलोमीटर तक की यात्रा स्लीपर बसों से कर रहे हैं, जिससे हादसों की आशंका बढ़ी है।
परिवहन विभाग ने बताया कि रियर इंजन बसों में आग लगने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में बस मालिकों और ड्राइवरों को तकनीकी खामियों जैसे स्पार्किंग आदि पर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों के आरटीओ अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे लंबी दूरी तय करने वाली वातानुकूलित बसों की सुरक्षा जांच पूरी कर रिपोर्ट मुख्यालय को जल्द सौंपें।

