रायपुर। राजधानी के गुढ़ियारी स्थित दही हांडी मैदान में शनिवार को एक भावनात्मक दृश्य देखने को मिला, जब 240 परिवारों ने अपने मूल हिंदू धर्म में “घर वापसी” की। रामानंदाचार्य स्वामी नरेंद्राचार्य महाराज के प्रवचन और मार्गदर्शन शिविर में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और हवन से हुई। सभी परिवारों ने आस्था और श्रद्धा के साथ इसमें भाग लिया। संस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने स्वयं चरण पखारकर और माला पहनाकर परिवारों का स्वागत किया।
बताया गया कि ये परिवार आठ से दस वर्ष पहले ईसाई धर्म अपना चुके थे, लेकिन अब पुनः सनातन धर्म की परंपराओं में लौट आए हैं। पूरे मैदान में “जय श्रीराम” के उद्घोष के साथ भक्ति और धर्म का माहौल गूंज उठा। कई परिवारों ने बताया कि उन्होंने कठिनाइयों और बीमारियों से परेशान होकर चर्च जाना शुरू किया था, लेकिन वहां उन्हें अपेक्षित राहत नहीं मिली।
मोहला मानपुर, बालोद और कांकेर जैसे जिलों से आए परिवारों ने कहा कि अब उन्हें आत्मिक शांति और संतोष की अनुभूति हो रही है। कई परिवारों ने यह भी बताया कि चर्च में उन्हें अपने देवी-देवताओं की पूजा करने से रोका जाता था। रायपुर में हुए इस आयोजन के माध्यम से अब वे पुनः अपने मूल धर्म, परंपरा और संस्कृति से जुड़ गए हैं।
आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। मंच से स्वामी नरेंद्राचार्य महाराज ने कहा कि “घर वापसी धर्म नहीं, बल्कि अपनी जड़ों की ओर लौटने का संकल्प है।” इस समारोह को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा रही, जिसे लोगों ने आस्था और पुनर्जागरण का प्रतीक बताया।

