रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन और मकान की रजिस्ट्री के लिए नए नियम लागू हो गए हैं। छत्तीसगढ़ केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन दरें जारी की हैं। अब जमीन की कीमत तय करने का तरीका पहले से ज्यादा पारदर्शी और सटीक होगा।
नई गाइडलाइन के अनुसार, जमीन की कीमत उसके रकबे पर निर्भर करेगी। शहरी क्षेत्र में 0.140 हेक्टेयर (करीब 0.35 एकड़) तक की भूमि का मूल्य प्रति वर्गमीटर दर से तय होगा, जबकि इससे अधिक भूमि पर अतिरिक्त भाग का मूल्य प्रति हेक्टेयर दर से तय किया जाएगा।
ओवरब्रिज या फ्लाईओवर के नीचे स्थित संपत्तियों की कीमत में 20 प्रतिशत की कमी की जाएगी। वहीं असिंचित जमीनें सिंचित भूमि से 20 प्रतिशत सस्ती मानी जाएंगी। अगर किसी इलाके की दर 200 रुपये प्रति वर्गमीटर और 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है तो 0.405 हेक्टेयर भूमि की कीमत 5.45 लाख रुपये तय होगी।
मुख्य सड़क से जुड़ी भूमि की दर भी तय की गई है। शहरी क्षेत्रों में मुख्य मार्ग से 20 मीटर तक और ग्रामीण इलाकों में 50 मीटर तक की जमीन को “सड़क से लगी” माना जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, मुख्य जिला मार्ग या 18 मीटर से चौड़ी सड़कों को मुख्य मार्ग की श्रेणी में रखा गया है।
यदि कई खरीदार (जो परिवार के सदस्य नहीं हैं) भूमि खरीदते हैं, तो मूल्यांकन अलग-अलग होगा। पुराने मकानों पर उनकी उम्र के अनुसार 10 से 20 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी।
वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्तियों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्य वृद्धि लागू की जाएगी। अब रजिस्ट्री के समय भूमि मूल्य और निर्माण मूल्य दोनों को जोड़कर कुल बाजार मूल्य तय होगा।
मुख्य पंजीयक विनोज कोचे ने बताया कि नया सिस्टम सोमवार से लागू कर दिया गया है और रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर को भी अपडेट कर दिया गया है। इससे आम लोगों को पारदर्शिता और राहत दोनों मिलेगी।

