दिल्ली। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। राज्य की राजनीति में इन दिनों कैबिनेट विस्तार और फेरबदल को लेकर अटकलें तेज हैं। कई विधायक खुले तौर पर मंत्री बनने की इच्छा जता चुके हैं। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा कि इसमें गलत क्या है? उनका कहना है कि महत्वाकांक्षा राजनीति का स्वाभाविक हिस्सा है और जो पार्टी के लिए मेहनत करते हैं, उनकी अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है।
मीडिया से बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि क्या वे राज्य की कमान संभालेंगे, तो शिवकुमार मुस्कुराते हुए बोले—ये सवाल किसी ज्योतिषी से पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास मंत्रिमंडल में शामिल करने का अधिकार होता है और योग्य लोगों की इच्छा को गलत नहीं ठहराया जा सकता। पार्टी के लिए त्याग और संघर्ष करने वाले हर कार्यकर्ता की महत्वाकांक्षा होना सामान्य है।
कर्नाटक की राजनीतिक हलचल तब बढ़ी जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दिल्ली में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। इन बैठकों के बाद कैबिनेट बदलाव की चर्चाएं और तेज हो गई हैं। इसी बीच डीके शिवकुमार भी दिल्ली पहुंचे, जिसके बाद अटकलों को और हवा मिली कि क्या नेतृत्व परिवर्तन होने वाला है।
हालांकि उपमुख्यमंत्री ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए बताया कि वे दिल्ली सिर्फ कांग्रेस के 100 नए कार्यालयों के शिलान्यास समारोह के लिए खरगे और राहुल गांधी को आमंत्रित करने पहुंचे थे। नवंबर में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने के कारण भी बदलाव की चर्चा हो रही है, जिसे कई लोग ‘नवंबर क्रांति’ का नाम दे रहे हैं।

