रायपुर। छत्तीसगढ़ एटीएस ने राजधानी में बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश करते हुए दो नाबालिग डिजिटल आतंकियों को गिरफ्तार किया है। यह पहला मामला है जिसमें पाकिस्तान आधारित ISIS मॉड्यूल इंस्टाग्राम के जरिए प्रदेश के किशोरों को कट्टरपंथ की ओर धकेल रहा था। वर्ष 2017 में एटीएस गठन के बाद यह पहली एफआईआर है जो सीधे आतंकी गतिविधियों से जुड़ी है। दोनों आरोपी पिछले दो वर्षों से ISIS के संपर्क में थे और त्योहारों के दौरान हिंसा फैलाने की साजिश कर रहे थे।
इंटरनेट पर फैल रहा था कट्टरपंथ
एटीएस जांच में खुलासा हुआ कि पाकिस्तान से संचालित ISIS मॉड्यूल फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाकर धार्मिक या मोटिवेशनल सामग्री के बहाने किशोरों से संपर्क करता था। पहले सामान्य चैट, फिर गुप्त ग्रुप चैट में जोड़कर जिहादी साहित्य, उग्र वीडियो और भारत-विरोधी सामग्री भेजी जाती थी। धीरे-धीरे किशोरों को ‘जिहाद’ की कट्टर धारणा की ओर मोड़ने की कोशिश की जाती थी।
मोबाइल में मिले संवेदनशील स्थानों के नक्शे
गिरफ्तार किशोरों के मोबाइल और लैपटॉप से कई संवेदनशील लोकेशंस के नक्शे मिले हैं। माना जा रहा है कि इन्हें पाकिस्तानी हैंडलरों ने भेजा था। त्योहारों में उन्माद फैलाने के निर्देश, फिदायीन हमलों से जुड़े वीडियो, नई आईडी बनाकर युवाओं को जोड़ने के आदेश भी मिले हैं। जांच में संकेत मिले हैं कि इन किशोरों को आत्मघाती हमलों के लिए तैयार किया जा रहा था।
दो साल पुराना नेटवर्क, ऑनलाइन कोर ग्रुप भी बना
दोनों किशोरों को पाकिस्तान से लगातार संदेश मिलते थे, जिन्हें वे आगे दूसरे युवाओं तक पहुंचाते थे। एक ऑनलाइन कोर ग्रुप भी बनाया गया था, जिसमें अन्य राज्यों के युवाओं को जोड़ने की कोशिश हुई। करीब एक हजार सोशल मीडिया अकाउंट की जांच के बाद एटीएस ने दोनों को चिन्हित किया।
भिलाई और टिकरापारा से गिरफ्तार, आगे और गिरफ्तारियां संभव
एटीएस ने रविवार को भिलाई और रायपुर के टिकरापारा से दोनों किशोरों को पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने ISIS से प्रेरित सामग्री देखने की बात कबूल की। यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर उनकी काउंसलिंग कराई जा रही है। एटीएस ने संकेत दिए कि जल्द और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, और NIA भी इस मामले में शामिल हो सकती है।

