रायपुर। छत्तीसगढ़ में बुधवार सुबह एसीबी–ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच के तहत रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में लगभग 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई उन अधिकारियों पर केंद्रित है जो पटवारी से राजस्व निरीक्षक (RI) बनाए गए थे और जिनकी पदोन्नति या चयन प्रक्रिया पर पहले से सवाल उठते रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर, महासमुंद, गरियाबंद, जगदलपुर समेत कई जिलों में जांच टीमों ने सुबह-सुबह दबिश दी। टीमों ने संबंधित अधिकारियों के घर, फार्महाउस, ऑफिस, पैतृक निवास और अन्य संभावित ठिकानों में अचल संपत्तियों, बैंक खातों, दस्तावेजों और डिजिटल डाटा की बारीकी से जांच शुरू की है।
एसीबी–ईओडब्ल्यू अधिकारियों के अनुसार जांच में यह संकेत मिले थे कि पटवारी से RI बनने की प्रक्रिया में धांधली, फर्जी दस्तावेज, गलत मूल्यांकन और अनुचित लाभ उठाने जैसी अनियमितताएं हुई थीं। कई अधिकारियों की आय और संपत्ति के बीच भारी अंतर पाया गया था, जिसके बाद इन पर सख्त कार्रवाई का फैसला लिया गया।
छापेमारी के दौरान कुछ ठिकानों से महंगी गाड़ियां, प्लॉट, नकद राशि, सोना–चांदी, और कई संदिग्ध फाइलें मिलने की खबर है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि कार्रवाई पूरी होने के बाद ही की जाएगी।
राज्य भर में चल रहे इस ऑपरेशन के कारण राजस्व विभाग में हड़कंप है। कई अधिकारी फोन बंद कर चुके हैं, जबकि कुछ ने अपने दफ्तरों से दूरी बनाना शुरू कर दी है।
जांच एजेंसियां सभी दस्तावेजों और बरामद सामग्रियों का परीक्षण करेंगी, जिसके आधार पर आगे और भी नाम सामने आ सकते हैं। संभावना है कि आने वाले दिनों में इस कार्रवाई का दायरा और बढ़ सकता है।

