मस्जिद के नाम पर चंदे में साइबर ठगी: हुमायूं कबीर के ट्रस्ट की शिकायत, फर्जी QR कोड से रकम हड़पने का आरोप

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस से निलंबित और मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हुमायूं कबीर की प्रस्तावित मस्जिद के नाम पर जुटाया जा रहा चंदा कथित तौर पर किसी और खाते में जा रहा है। आरोप है कि जालसाजों ने दान के लिए जारी क्यूआर कोड की नकल कर फर्जी क्यूआर कोड तैयार किया और उसके जरिए लोगों से पैसे वसूले जा रहे हैं। इस मामले में ट्रस्ट की ओर से साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई है।

मस्जिद निर्माण के लिए गठित ‘वेस्ट बंगाल इस्लामिक फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष अमीनुल शेख ने बताया कि ट्रस्ट की पहचान और विवरण की नकल कर जालसाजों ने फर्जी क्यूआर कोड बनाया है। इसी क्यूआर कोड के माध्यम से दानदाताओं से रकम लेकर उसे किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बहरमपुर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी गई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

इधर, जिले के बेलडांगा में मस्जिद के शिलान्यास स्थल पर शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। हुमायूं कबीर ने भी अन्य नमाजियों के साथ नमाज अदा की।

इस बीच हुमायूं कबीर ने दावा किया कि उन्हें राज्य के बाहर से लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने राज्य सरकार, केंद्र सरकार और पुलिस को ईमेल भेजकर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। साथ ही कहा कि जरूरत पड़ी तो वह अदालत का रुख कर केंद्रीय बल की तैनाती की मांग करेंगे।

राजनीतिक मोर्चे पर, एआईएमआईएम हुमायूं कबीर के साथ गठबंधन को लेकर आशावादी दिख रही है। पार्टी की बंगाल इकाई के प्रमुख इमरान सोलानी ने बताया कि बातचीत जारी है और कुछ विधानसभा सीटों पर गठबंधन की संभावना है। अंतिम फैसला पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी लेंगे। हुमायूं कबीर 22 दिसंबर को नई पार्टी के गठन की घोषणा करने वाले हैं।

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