बेंगलुरु। आईटी सिटी बेंगलुरु से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने रेजिडेंशियल अपार्टमेंट्स में चल रही आंतरिक व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक अपार्टमेंट एसोसिएशन ने पुलिस और न्याय व्यवस्था को दरकिनार कर खुद का “न्याय तंत्र” बना लिया, जहां अपराधों का फैसला जुर्माने से किया जाता था और आरोपी खुलेआम घूमते रहे।
कुंबलगोडु पुलिस ने दक्षिण-पश्चिम बेंगलुरु के डोड्डाबेले क्षेत्र स्थित प्रोविडेंट सनवर्थ अपार्टमेंट एसोसिएशन और सुरक्षा देने वाली निजी एजेंसी टाइको सिक्योरिटी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। पुलिस का आरोप है कि अपार्टमेंट परिसर में यौन उत्पीड़न, चोरी, नशीले पदार्थों के सेवन और ड्रग्स के अवैध कब्जे जैसे गंभीर अपराध हुए, लेकिन इन्हें जानबूझकर पुलिस से छिपाया गया।
जांच में सामने आया कि अपार्टमेंट में रहने वाले कई लोग, जिनमें छात्र भी शामिल हैं, विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए। इसके बावजूद, एसोसिएशन ने पुलिस को सूचना देने के बजाय खुद नियम बनाए। आरोपियों से अंदर ही पूछताछ की गई, उन्हें आर्थिक जुर्माना लगाया गया और फिर छोड़ दिया गया। निजी सुरक्षा एजेंसी पर भी इस पूरे तंत्र में सहयोग देने का आरोप है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस गैरकानूनी व्यवस्था के कारण पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सका और अपराधियों को कानूनी कार्रवाई से बचने का मौका मिलता रहा। साउथ वेस्ट डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर अनिता बी हडन्नावर ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध, चोरी और ड्रग्स से जुड़े मामलों को दबाने की कोशिश को गंभीर अपराध मानते हुए केस दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि कानून के तहत ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग अनिवार्य होती है, लेकिन यहां एसोसिएशन ने अपने नियम बनाकर पिछले कुछ महीनों में ही 25 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला। पुलिस अब पूरे मामले की विस्तार से जांच कर रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
