दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने असम के होजाई जिले में रेल पटरियों पर हाथियों की मौत के मामले को गंभीर बताते हुए केंद्र सरकार की ओर से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। कोलकाता में रविवार को आयोजित ‘प्रोजेक्ट एलिफेंट’ और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह जानकारी दी।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस दर्दनाक घटना में सात हाथियों की मौत हुई है और एक हाथी घायल हुआ है, जो अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने संबंधित राज्य सरकार से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है, ताकि यह समझा जा सके कि हादसा किन परिस्थितियों में हुआ और भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।
मंत्री ने बताया कि सभी राज्यों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे रेल पटरियों के आसपास हाथियों की आवाजाही पर लगातार नजर रखें। रेलवे अधिकारियों और राज्य वन विभाग के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने को कहा गया है। विशेष रूप से लोको पायलटों और वन अधिकारियों के बीच संवाद मजबूत करने पर जोर दिया गया है, ताकि समय रहते ट्रेन की गति कम की जा सके या उसे रोका जा सके।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि जिन इलाकों से हाथियों का पारंपरिक गलियारा गुजरता है, वहां अतिरिक्त सतर्कता बरतना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि जिलाधिकारियों को राजमार्गों और रेलवे ट्रैक के आसपास हाथियों की मूवमेंट की जानकारी नियमित रूप से वन विभाग के साथ साझा करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि शनिवार तड़के असम के होजाई जिले में हाथियों का एक झुंड सैरांग–नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गया था। इस हादसे में सात हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रेन का इंजन और पांच डिब्बे पटरी से उतर गए।
केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि रिपोर्ट के आधार पर हाथियों की सुरक्षा के लिए नए दिशा-निर्देश और तकनीकी उपायों पर भी विचार किया जा सकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

