लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम गौरव का फ्लाइट टेस्ट सफल

भुवनेश्वर। भारत ने मंगलवार को ओडिशा के तट से लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (LRGB) का पहला सफल परीक्षण किया। इस बम को वायुसेना के सुखोई MK-I फाइटर जेट से लॉन्च किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि फ्लाइट टेस्ट के दौरान ग्लाइड बम ने लॉन्ग व्हीलर आइलैंड पर बनाए गए टारगेट को सटीक हिट किया।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि गौरव हवा में लॉन्च किया जाने वाला 1000 किलोग्राम का ग्लाइड बम है, जो लंबी दूरी के टारगेट को हिट करने में सक्षम है। लॉन्चिंग के बाद यह ग्लाइड बम बेहद सटीक हाइब्रिड नैविगेशन स्कीम की मदद से टारगेट की तरफ बढ़ता है। टेस्ट लॉन्च का पूरा फ्लाइट डेटा टेलिमेट्री एंड इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम ने कैप्चर किया। इस सिस्टम को इंटीग्रेटिड टेस्ट रेंज ने पूरे तट पर डिप्लॉय किया था।

गौरव बम को किसने बनाया है

इस ग्लाइड बम को हैदराबाद के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) ने बनाया है। इसके पार्टनर्स अडाणी डिफेंस और भारत फोर्ज भी टेस्ट फ्लाइट के दौरान मौजूद रहे। सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस R&D और DRDO के चेयरमैन समीर वी कमात ने DRDO की पूरी टीम को इस सफल परीक्षण पर बधाई दी।

ग्लाइड बम क्या होता है

ग्लाइड बम का मतलब होता है, किसी उड़ते हुए हवाई जहाज से छोड़ा गया बम। यह बम टारगेट के ठीक ऊपर की बजाय उससे कुछ दूरी पर छोड़ा जाता है। जिससे यह एंटी-एयरक्राफ्ट डिफेंस सिस्टम को भी चकमा दे सकता है। इन बमों को जीपीएस के जरिए इस्तेमाल किया जाता है।

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