लालकिले से बोले पीएम, ये देश महापुरुषों का ऋणी

दिल्ली। देश आज 15 अगस्त को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11वीं बार लाल किले से तिरंगा फहराया। अपने 103 मिनट के भाषण में मोदी ने कहा- आजादी के दीवानों ने आज हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है। ये देश महापुरुषों का ऋणी है।

आजादी के बाद देशवासियों को माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा था। हमने गर्वनेंस के इस मॉडल को बदला। आज सरकार खुद जनता की जरूरतें पूरी कर रही है। देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है। अब देश को सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है।

पीएम मोदी ने 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर तिरंगा फहराया। ऐसा करने वाले वह तीसरे पीएम बने। उनके पहले पंडित नेहरू ने 17 बार, इंदिरा गांधी ने 16 बार लाल किले से झंडा फहराया था। - Dainik Bhaskar

हमारे देश के बच्चों को जाने कैसे-कैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है। अगले पांच साल में 75 हजार नई मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी। कोलकाता रेप-मर्डर पर उन्होंने कहा- ऐसे राक्षसों को फांसी पर लटकाया जाए। इससे पहले पीएम मोदी ने सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम विकसित भारत है। इसके तहत स्वतंत्रता के 100वें साल 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

विकसित भारत हमारी प्रतीक्षा कर रहा

2047 विकसित भारत हमारी प्रतीक्षा कर रहा है। ये देश चलने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं तीसरे टर्म में तीन गुना काम करूंगा। ताकि देश के सपनों को पूरा कर सकूं। मेरा हर पल देश के लिए है, मेरा कण-कण मां भारती के लिए है। इसलिए 24×7 की प्रतिबद्धता के साथ आह्वान करता हूं, सपनों को पूरा करें। 21वीं सदी को स्वर्णिम भारत बना सकें। आपने मुझे जो दायित्व दिया है, उसमें कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।

वन नेशन वन इलेक्शन के लिए सब आगे आएं

देश में बार-बार चुनाव प्रगति को रोक रहे हैं। हर योजना चुनाव के रंग से रंग दिया गया। सभी दलों ने अपने विचार रखें हैं। एक कमेटी ने रिपोर्ट बनाई। वन नेशन वन इलेक्शन सामने आया है। इस सपने को साकार करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से साथ आने को कहता हूं।

राजनीति में फ्रेश ब्लड को लाना है

मैं हमेशा कहता हूं परिवारवाद, जातिवाद भारत के लोकतंत्र को बहुत नुकसान करता है। मैं देख रहा हूं सामने माय भारत दिख रहा है। ये एक मिशन है, हम देश में एक लाख नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं, जिनके परिवार में कोई भी राजनीतिक बैकग्राउंड से न हो। ऐसे होनहार नौजवानों को फ्रेश ब्लड, इन्हें राजनीति में लाना है। इसी के चलते परिवारवाद से मुक्ति मिलेगी, वो किसी भी पार्टी में जाएं।

लोकतंत्र की मजबूती में संविधान की भूमिका

हमारे संविधान को 75 साल हो रहे हैं। देश को लोकतंत्र की मजबूती देने में संविधान की भूमिका रही है। हम संविधान में लिखे कर्तव्य के भाव पर जोर देना चाहते हैं। ये कर्तव्य सरकार के, आमजन के सभी के हैं। अगर हम इस भाव के साथ चलेंगे तो आगे बढ़ेंगे।

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