बिलासपुर। आटोमेटिक सिग्नलिंग वाले सेक्शन पर स्थित रेलवे फाटक में गेट सिग्नल देने की प्रक्रिया आसान कर दी गई है। अब गेटमैन को प्रत्येक लाइन के लिए बार-बार बटन घुमाने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल एक सिंगल बटन लगाया गया है। इससे न केवल ट्रेनों की गति बढ़ेगी बल्कि, फाटक से गुजरने वाले राहगीरों को भी काफी देर फाटक खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
कई सेक्शन में आधुनिक व उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम लगाए गए हैं। इसी के तहत ही समपार में एक नया सिस्टम लागू किया गया है। पहले समपार फाटकों पर प्रत्येक बार सिग्नल देने के लिए प्रत्येक लाइन के लिए दिए गए सिग्नल के बटन को घुमाया जाता था। इस प्रक्रिया के कारण ट्रेन संचालन में देरी की संभावना होती थी। गेटमैन के लिए भी यह पारंपरिक सिग्नलिंग बटन और संचालन भी थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता था।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय के सिग्नल और दूरसंचार विभाग के ड्राइंग और डिजाइन अनुभाग ने प्रधान मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता के नेतृत्व में एक इनोवेशन पेश किया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने इस इनोवेशन को वित्तीय वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही के लिए सर्वश्रेष्ठ इनोवेशन का प्रथम रैंक दिया है। रेलवे का मानना है कि इस नए इनोवेशन का उद्देश्य समपार फाटक संचालन में दक्षता बढ़ाना है, जिससे ट्रेन की गति सुगम हो सके और संचालन में देरी न हो। यह अभिनव समाधान दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे की ट्रेन संचालन की दक्षता और संरक्षा बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अभी यहां है प्रणाली यह प्रणाली
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के उरगा रोड– कोरबा रेलखंड के तीन समपार फाटक, कोरबा-कुसमुंडा रेलखंड के दो समपार फाटकों व भिलाई-भिलाई नगर के एक समपार फाटक पर लगाई गई है। यहां बेहतर रिस्पांस मिलने के बाद अब अन्य समपार फाटकों पर इस प्रणाली को लगाने का कार्य किया जा रहा है।
जानिए इस नए सिस्टम के लाभ
- ट्रेन संचालन सुचारू और समयबद्ध होगा।
- मानवीय त्रुटियों का जोखिम कम होगा।
- इन हाउस बनाए गए इस सिस्टम को लागू करने के लिए कोई अतिरिक्त लागत भी नहीं लग रही।
- समपार फाटकों पर वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए कम व्यवधान।
- सरल प्रक्रिया के साथ गेटमैन गुजरने वाली ट्रेनों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- ट्रैफिक प्रबंधन को आसान बनाएगा।