आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) में प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले की जांच के लिए रविवार को विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया।
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि SIT सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी। इसी के आधार पर कार्रवाई होगी, ताकि ऐसी चीजें दोबारा न हों। वहीं, डिप्टी CM पवन कल्याण ने कहा- जब हिंदू मंदिरों को अपवित्र किया जाता है तो हमें चुप नहीं रहना चाहिए।
अगर ऐसा मस्जिदों या चर्चों में होता तो देश में गुस्सा भड़क उठता। पवन कल्याण ने रविवार (22 सितंबर) से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान वह उपवास करेंगे। पवन ने कहा- मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मुझे दुख हो रहा है। इसके लिए प्रायश्चित करूंगा।
पवन कल्याण ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘पवित्र माने जाने वाले तिरुमाला लड्डू प्रसादम को जगन रेड्डी की सरकार की भ्रष्ट नीतियों के कारण अपवित्र कर दिया गया है। इस पाप को शुरू में न पहचान पाना हिंदू जाति पर एक कलंक है। जिस पल मुझे पता चला कि लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी हैं, मैं हैरान रह गया। खुद को दोषी महसूस कर रहा हूं। चूंकि मैं लोगों के कल्याण के लिए लड़ रहा हूं, इसलिए मुझे दुख है कि मैं इसे पहचान क्यों नहीं पाया।
CM नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा
जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया।
नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था, तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है।