भुवनेश्वर। ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार गुरुवार (13 जून) को मंगला आरती के दौरान श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान राज्य के नए सीएम मोहन चरण माझी के साथ उनका मंत्रिमंडल, पुरी के सांसद संबित पात्रा और बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी मौजूद रहे। सभी ने द्वार खुलने के बाद मंदिर की परिक्रमा की।
CM माझी ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि हमने बुधवार (12 जून) को पहली कैबिनेट बैठक में जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खोलने का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव पारित हो गया और आज सुबह 6:30 बजे सभी द्वार खोले गए। मंदिर के विकास के लिए 500 करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड की भी घोषणा की गई है।
कोरोना काल में पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार ने मंदिर के अश्व द्वार, व्याघ्र द्वार और हस्ति द्वार को बंद करने के आदेश दिए थे। सिर्फ सिंह द्वार ही खुला था, जिससे श्रद्धालु मंदिर में आते-जाते थे। इस कारण मंदिर में भारी भीड़ और लंबी कतारें लगी रहती थीं। श्रद्धालु लंबे वक्त से सभी द्वार खोलने की मांग कर रहे थे।
मंदिर के द्वार खुलवाना भाजपा के मैनिफेस्टो में था
जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खुलवाना भाजपा के चुनावी वादों में से एक था। चुनाव जीतने के बाद बुधवार (12 जून) को मोहन चरण मांझी ने राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।माझी के साथ, दो उपमुख्यमंत्रियों- कनक वर्धन सिंह देव और प्रभाती परिदा ने भी शपथ ली।
इसके बाद CM ने पहली कैबिनेट मीटिंग की और जगन्नाथ मंदिर के सभी द्वार खोलने के आदेश दिए। कैबिनेट मीटिंग में जगन्नाथ मंदिर के रखरखाव के लिए 500 करोड़ रुपए का फंड तैयार करने का भी फैसला हुआ है।