मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, फसलों का उत्पादन करने के लिए तो किसानों को क्रेडिट कार्ड मिलता ही है, लेकिन अब गोवंश पालने वालों को भी क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, ताकि वह गोवंश के पालन के लिए धन का इंतजाम कर सकें। 10 से ज्यादा गोवंश पालने वालों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। सरकार ने फैसला किया है कि नगर निगम क्षेत्र में 5 से 10000 गोवंश के पालन के लिए जो भी खर्च आएगा। उसका प्रबंधन राज्य सरकार करेगी।
शनिवार को रवींद्र भवन में राज्य स्तरीय गोवर्धन-पूजा कार्यक्रम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल हुए। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, लखन पटेल, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने गौ सेवा करने वाले 10 श्रेष्ठ गोपालकों का सम्मान भी किया। कार्यक्रम में स्वामी अच्युतानंद और गौ संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले स्वामी हरिओमानंद भी विशेष रूप से उपस्थित थे।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों का उत्पादन करने के लिए तो किसानों को क्रेडिट कार्ड मिलता ही है, लेकिन अब गोवंश पालने वालों को भी क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, ताकि वह गोवंश के पालन के लिए धन का इंतजाम कर सकें।
CM बोले- दुग्ध उत्पादन करने वालों को बोनस दिया जाएगा
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सरकार ने गोवंश के अवैध परिवहन और तस्करी के मामले में 7 साल की सजा का प्रावधान कर रखा है। इसके अलावा गोवंश की सुरक्षा के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार ने यह भी तय किया है कि आने वाले समय में गोवंश का पालन करने और दुग्ध उत्पादन करने वालों को बोनस भी दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने गुजरात के अमूल संस्थान की गतिविधियों का परीक्षण कराया है और इसके साथ ही नेशनल डेयरी बोर्ड के साथ प्रदेश के सभी गांव में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि, प्रदेश के सभी 51000 गांव में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर फोकस सरकार ने किया है, ताकि दुग्ध उत्पादन का प्रतिशत 9 से बढ़कर 20% तक पहुंचा जा सके।
गोवर्धन पर्व के सांस्कृतिक पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई
गोवर्धन पर्व के सांस्कृतिक एवं आर्थिक महत्व, गौ-संस्कृति, परिवेश के प्रदर्शन और स्वास्थ्य आधारित लाभों पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रदर्शनी मुख्य रूप से पंचगव्य उत्पाद, गौ-शिल्प उत्पाद, कृषि आधारित उत्पाद और दैनिक उपयोग के उत्पाद के आर्थिक महत्व को प्रदर्शित गया है।