भारतमाला प्रोजेक्ट: रायपुर-विशाखापट्टनम 6 लेन पर बासनवाही पहाड़ी में बन रही टनल

भारत माला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक बन रही 6 लेन रोड में छग की पहली व सबसे बड़ी टि्वन टनल की कुल 210 मीटर तक खुदाई हो चुकी है। जिसमें कांकेर जिले के बासनवाही में एंट्री पॉइंट से 120 मीटर तथा कोंडागांव जिले के गोविंदपुर में एक्जिट पाइंट की ओर 90 मीटर तक सुरंग की खुदाई की जा चुकी है। कांकेर जिले में एंट्री पाइंट तक पहुंचने सड़क निर्माण कंपनी को बासनवाही से 4 किमी तक पहाड़ों को काटना पड़ा। जिसके बाद पहाड़ी में इसके एंट्री पाइंट तक पहुंचे। रायपुर से विशाखापट्टनम तक बन रही 6 लेन रोड में बासनवाही पहाड़ी में टनल बनाया जा रहा है।

विशाखापट्टनम से दूरी कम करने व सीधी सड़क बनाने पहाड़ों में घाटी न बना उसे काट कर ही रास्ता बनाया जा रहा है। सड़क के कांकेर जिले में जामगांव से प्रवेश करेगी, जो दुधावा होते हुए बासनवाही पहाड़ी तक पहुंचेगी। लेकिन बासनवाही के बाद सड़क बनाने कंपनी को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बासनवाही से टनल के एंट्री पाइंट तक कुल 4 किमी तक पहाड़ों को काट कर बीच से सीधा रास्ता बनाया गया।

जिसमें कई छोटे-छोटे पुल पुलिया हैं, जो इस सड़क बनने के बाद इस मार्ग में एक खूबसूरत एहसास देगा। इस सड़क के बाद टनल होगा, जिसकी कुल लंबाई 2.8 किमी व चौड़ाई 14 मीटर है। जिसमें आने-जाने के लिए दो अलग-अलग टनल होंगे। टनल में हर 500 मीटर के बाद क्रॉसिंग पाइंट बनाया जाएगा, टनल खुदाई का कार्य हैदराबाद की केएमवी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जिसके एक हजार से अधिक मजदूर व कर्मचारी इस कार्य में लगे हुए हैं।

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम दो-दो बार लग रही हाजरी

पहाड़ के नीचे पत्थरों को काट कर बनाई जा रही टनल में निर्माण के दौरान हमेशा पत्थरों के गिरने व जमीन धसने का खतरा बना रहता है। इससे मजदूरों को सुरक्षा देने कंपनी ने विशेष इंतजाम किया है। टनल में खोदाई के लिए विशेष तौर पर 200 पुरुष मजदूरों को ही चुना गया है। टनल में कोई अन्य मजदूर प्रवेश न करे इसके लिए भी इसके एंट्री पाइंट पर भारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें अंदर जाने दिया जाता है। अंदर जाने वाले मजदूरों के लिए विशेष तौर पर एक आईडी कार्ड बनाया गया है। जिसे हर दिन दिखाना अनिवार्य है।

चार किमी पहले ही आम लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध

टनल व उसके आसपास आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है। टनल तक जाने किसी की अनुमति नहीं है। यहां सिर्फ स्थानीय जन प्रतिनिधी व अधिकारी कर्मचारी ही आते हैं। जिन्हें भी टनल से चार किलोमीटर पहले बासनवाही में कंपनी के कैंप में अपनी वाहन छोड़नी पड़ती है। यहां से उन्हें कंपनी अपनी वाहन से लेकर टनल तक जाती है। लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते टनल के अंदर प्रवेश नहीं कराया जाता है।

एक्जिट पाइंट पर दोनों टनल की 90 मीटर खुदाई

कांकेर के बासनवाही में एंट्री पाइंट पर एक ही टनल की खुदाई हो रही है। जबकि टनल के एक्जिट पाइंट कोंडागांव जिले के गोविंदपुर में दोनों टनल की खुदाई जारी है। जिसमें दोनों टनल की 90 मीटर तक खुदाई हो चुकी है। कंपनी के अनुसार जल्द ही बासनवाही में भी दूसरी टनल की खुदाई शुरू कर दी जाएगी। कंपनी के सुरक्षा अधिकारी विवेक सिंह ने बताया कि मिट्टी-पत्थर न धंसे इसके लिए चट्टानों में ड्रिलिंग कर राक बोल्ट लगा लोहे के प्लेट बांधे जा रहे हैं। जल्द ही दूसरी टनल की भी खुदाई शुरू हो जाएगी।

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