अब ट्राइ, आयकर के नाम पर धमकी, आइवीआर काल करके फंसा रहे साइबर ठग

हैलो, मैं आयकर विभाग से बात कर रही हूं। आपके खाते से कुछ संदिग्ध लेनदेन हुआ है। इस वजह से आपका खाता फ्रीज किया जा रहा है। आपके खाते से यह राशि अगले दो घंटे में काट ली जाएगी। अगर परेशानी से बचना है तो दो दबाएं, प्रतिनिधि से बात करने के लिए नौ दबाएं।..सामान्य सी लगने वाली यह बातचीत ठगी का प्रयास भी हो सकता है। ठगों ने अब बैंकों की तर्ज पर ही आइवीआर (इंटरएक्टिव वायस रिस्पांस) काल के माध्यम से ठगी शुरू कर दी है।

साइबर ठगी का यह नया पैंतरा है। ठग इस तरह आपको फंसाकर आपका खाता खाली कर सकते हैं। सतर्क रहने की जरूरत इसलिए है क्योंकि विशेषज्ञ कहते हैं कि सरकारी एजेंसियां कभी मोबाइल नंबर से आइवीआर काल नहीं करतीं। ग्वालियर के दीनदयाल नगर निवासी आयुष भदौरिया के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। उन्हें भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण यानी टेलीकाम रेगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया (ट्राइ) का नाम बताकर आइवीआर काल आया।

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उन्हें बताया गया कि उनके मोबाइल का डाटा इस्तेमाल संदिग्ध है। इंटरनेट ब्राउजिंग और कालिंग संदिग्ध हैं। मोबाइल अगले दो घंटे में बंद हो जाएगा। वह घबरा गए तो कंपनी के प्रतिनिधि से बात करने के लिए नंबर डायल कराया। उनसे ओटीपी पूछा गया, ओटीपी बताते ही पे-वालेट से रुपये निकलने लगे। आयुष के खाते से 19,500 रुपये निकल गए तब उन्हें समझ आया कि उनके साथ ठगी हो गई। ऐसा ही मामला लश्कर निवासी माधव अग्रवाल के साथ सामने आया है। माधव के मोबाइल पर भी आइवीआर काल आया। उनसे कहा गया कि संदिग्ध फोन काल्स के चलते आपकी सिम बंद हो जाएगी।

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इन दो विभागों के नाम से फंसाकर हो रही ठगी
  • ट्राइ: आइवीआर काल कर बताया जाता है कि आपके मोबाइल से अवांछित काल हुई हैं। फिर प्रतिनिधि से बात करने का विकल्प दिया जाता है। नंबर डायल करते ही काल ट्रांसफर होती है और आपसे कहा जाता है- किसी अपराधी से आपका नंबर कनेक्ट है। अपराध दर्ज है, गिरफ्तार करने तक की धमकी दी जाती है और खाते की जानकारी लेकर या जमानत के बहाने ठगी की जाती है।
  • आयकर विभाग: इसमें खाते से संदिग्ध लेनदेन होने की बात कहकर धमकाया जाता है। फिर प्रतिनिधि से बात करने का विकल्प देकर काल ट्रांसफर होती है। खाते के आडिट के नाम पर आइवीआर से ही पूरी जानकारी ली जाती है और खाते में सेंध लगा दी जाती है।
साइबर क्राइम विशेषज्ञ चातक वाजपेयी ने बताया-ऐसे बचें
  • कभी भी सामान्य लगने वाले नंबर से आइवीआर काल आए तो सावधान हो जाएं। यह फर्जी होता है। विभाग, बैंक, बीमा कंपनी से आने वाली आइवीआर काल में एरिया कोड होगा। यह काल लैंडलाइन से ही आती है।
  • कोई भी विभाग बैंक खाते का नंबर, कार्ड, सीवीवी, ओटीपी नहीं पूछता है इसलिए यह जानकारी साझा न करें। भलें कार्ड ब्लाक की बात कही जाए।
  • ऐसे फोन आने पर संबंधित विभाग, बैंक, कंपनी के हेल्पलाइन नंबर को आधिकारिक वेबसाइट या एप्लीकेशन से निकालकर काल करें। इस संबंध में पुष्टि करें। द्य तुरंत ऐसे नंबर को ब्लाक करें।
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