इजराइली टैंक वेस्ट बैंक में घुसे, 40 हजार शरणार्थी भागे

तेल अवीव।  इजराइल ने 23 साल बाद वेस्ट बैंक के जेनिन शिविर में टैंक भेजे हैं। इजराइली सेना ने इन शिविरों से 40 हजार फिलिस्तीनियों को बाहर निकाला। यह कदम इजराइल और वेस्ट बैंक में बढ़ते हिंसा के बीच उठाया गया।

फिलिस्तीनी नागरिकों के विस्थापन के बाद संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNRWA को भी काम बंद करने का आदेश दिया गया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वे गाजा में फिर से युद्ध शुरू करने के लिए तैयार हैं।

40-60 टैंक है तैनात

इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि एक डिवीजन में 40 से 60 टैंक तैनात किए गए हैं। इसके बाद, इजराइल ने जेनिन, तुलकरम और नूर शम्स के शरणार्थी शिविरों को खाली कर दिया और 40 हजार फिलिस्तीनियों को वहां से निकाल लिया। यह कदम इजराइल और हमास के बीच बढ़ती हिंसा के कारण उठाया गया। इजराइल के रक्षा मंत्री ने सेना को अगले कुछ साल वेस्ट बैंक के शिविरों में रहने का आदेश दिया है।

58 सालों से इजराइल का वेस्ट बैंक पर कब्जा

वेस्ट बैंक, जॉर्डन के पश्चिम और येरुशलम के पूरब में स्थित है। 1948 में अरब-इजराइल जंग के बाद जॉर्डन ने इस पर कब्जा कर लिया था। जॉर्डन नदी के पश्चिम में होने की वजह से तब इसका नाम वेस्ट बैंक रख दिया गया।

1967 में 6 दिनों तक चले जंग के बाद इजराइल ने इस इलाके को जॉर्डन से छीन लिया। तब से वेस्ट बैंक पर इजराइल का कब्जा बरकरार है। इस इलाके में 30 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। इसमें ज्यादातर फिलिस्तीनी हैं। इजराइल ने वेस्ट बैंक पर कब्जे के बाद कई यहूदी बस्तियां भी बसाईं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक यहां बनाई गई इजराइली बस्तियां अवैध हैं।

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