गेमिंग की लत पर कैसे पा सकते हैं कंट्रोल? IIT दिल्ली और एम्स ने निकाला समाधान

दिल्ली। समयसीमा और आत्मनियंत्रण के उपाय ऑनलाइन गेमिंग की लत को कम करने में मददगार हो सकते हैं। केंद्र सरकार की पहल पर आईआईटी दिल्ली और एम्स ने मिलकर एक अध्ययन किया है, जिसमें यह निष्कर्ष निकला है। शोध में यह भी कहा गया है कि इस पहलू पर और अधिक गहराई से शोध करने की जरूरत है।

IIT दिल्ली और AIIMS ने मिलकर एक रिसर्च की है, जिसमें बताया गया है कि समय सीमा और आत्मनियंत्रण के तरीके ऑनलाइन गेमिंग की लत पर काबू पाने में मदद कर सकते हैं। इस अध्ययन में यह भी कहा गया कि इस पर और अधिक व्यापक शोध की आवश्यकता है। IIT दिल्ली के AI विशेषज्ञ तपन के. गांधी और AIIMS के बिहेवियरल हेल्थ एक्सपर्ट यतन पाल सिंह बलहारा ने मंगलवार को इस शोध के नतीजों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन को आगे बढ़ाने के लिए आल इंडिया गेमिंग फेडरेशन से मदद मांगी गई है। पिछले दो-तीन सालों में ऑनलाइन गेमिंग की लत से प्रभावित बच्चों और किशोरों की संख्या बढ़ी है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ा है।

8300 भारतीय गेमरों पर हुआ अध्ययन

इस रिसर्च में 8300 भारतीय गेमरों पर अध्ययन किया गया, जिसमें गेमिंग समय, खर्च और जीत-हार का विश्लेषण किया गया। नतीजों से यह सामने आया कि समय सीमा और स्वयं को खेल से बाहर करने के उपायों से गेम खेलने के समय और खर्च में कमी आई।

20% इंटरनेट यूजर्स को लग चुकी है गेमिंग की लत

एम्स के यतन पाल सिंह के मुताबिक, इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से लगभग 20% लोग ऑनलाइन गेमिंग की लत का शिकार हो चुके हैं।

आने वाले समय में बनेगा गेमिंग पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

IIT दिल्ली में ऑनलाइन गेमिंग के प्रभाव और दुष्प्रभावों का अध्ययन करने के लिए एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार से प्रस्ताव भेजा गया है।

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