नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार को हुई। इस दौरान लोकसभा में DMK (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) सांसदों ने नई शिक्षा नीति और ट्राय-लैंग्वेज पॉलिसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सांसद वेल (संसद के केंद्रीय क्षेत्र) में घुसकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे। इस हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
केंद्र सरकार ने हाल ही में नई शिक्षा नीति लागू की है, जिसके तहत छात्रों को स्थानीय भाषा के अलावा अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाना अनिवार्य किया गया है। तमिलनाडु सरकार इस नीति का विरोध कर रही है और कह रही है कि हिंदी को जानबूझकर तमिलनाडु पर थोपने की कोशिश की जा रही है। DMK सांसद इसी मुद्दे को लेकर संसद में विरोध कर रहे थे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री का बयान
नई शिक्षा नीति और तीन भाषाओं के विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने DMK सांसदों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि DMK के लोग बेईमानी कर रहे हैं और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग सिर्फ राजनीति कर रहे हैं और छात्रों के लिए भाषा की बाधाएं खड़ी कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद का आरोप
कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने भी लोकसभा में सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में है और यदि यह स्थिति बनी रहती है तो लोकतंत्र केवल एक दिखावा बन जाएगा।
बजट सत्र का यह दूसरा चरण 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान सरकार 36 से ज्यादा बिल पेश कर सकती है, जिनमें वक्फ संशोधन और मणिपुर के वित्तीय मुद्दे शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मणिपुर का बजट पेश करेंगी, जबकि गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रपति शासन को लेकर संसद में प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। बजट सत्र के इस दूसरे चरण में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी टकराव की संभावना जताई जा रही है।