सैम पित्रोदा पर कर्नाटक में FIR; वन विभाग की जमीन पर NGO का अस्पताल, लीज खत्म होने के बाद भी कब्जा

बेंगलुरु।  राहुल गांधी के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के खिलाफ कर्नाटक में सोमवार को FIR दर्ज की गई है। उनके NGO, फाउंडेशन फॉर रिवाइटेलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (FRLHT) पर आरोप है कि उन्होंने वन विभाग की जमीन पर कब्जा किया हुआ है। यह FIR भाजपा की शिकायत पर दर्ज की गई है। आरोप है कि पित्रोदा और उनके NGO ने 5 हेक्टेयर (12.35 एकड़) जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है, जबकि 14 साल पहले ही उनकी लीज खत्म हो चुकी थी।

ये है पूरा मामला

सैम पित्रोदा ने 1996 में FRLHT नामक NGO की स्थापना की थी और उसी साल वन विभाग से 5 हेक्टेयर जंगल की जमीन येलहंका के पास जारकाबांडे कावल में लीज पर ली थी। यह लीज 2001 में 10 साल के लिए बढ़ाई गई थी, लेकिन 2011 में लीज खत्म हो गई। इसके बावजूद पित्रोदा और उनके सहयोगियों ने जमीन पर अस्पताल चलाया और बिना परमिशन के इमारत भी बनाई।  भाजपा नेता और एंटी बेंगलुरु करप्शन फोरम के अध्यक्ष रमेश एनआर ने 24 फरवरी को ED और लोकायुक्त से इस मामले की शिकायत की थी।

जांच के बाद FIR दर्ज की गई है। इसमें सैम पित्रोदा के अलावा उनके NGO के साथी दर्शन शंकर, रिटायर्ड IAS अधिकारी जावेद अख्तर, और वन विभाग के अधिकारियों का भी नाम है। इस मामले में BJP नेता रमेश ने आरोप लगाया कि FRLHT ने औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण के लिए लीज पर जमीन ली थी, लेकिन लीज खत्म होने के बाद भी उन्होंने इसे वापस नहीं किया। इस जमीन की कीमत 150 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। समाप्त लीज के बाद वन विभाग को कब्जा वापस लेना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया, इस आरोप के चलते अब जांच शुरू हो गई है।

पित्रोदा ने जारी किया था बयान

शिकायत के बाद पित्रोदा ने 27 फरवरी को X (Twitter) पर लिखा था कि उन्होंने कभी भारत में न तो रिश्वत ली और न दी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास भारत में कोई संपत्ति नहीं है और न ही उन्होंने कभी किसी सरकार से वेतन लिया।

FIR में इन अफसरों का नाम भी शामिल

  • IAS अधिकारी जावेद अख्तर
  • आरके सिंह
  • संजय मोहन
  • वन विभाग के उप वन संरक्षक एन रवींद्र कुमार

 

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