पोर्ट लुइस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के राजकीय दौरे पर मॉरीशस पहुंचे हैं। वे 12 मार्च को मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और फिर पोर्ट लुइस में अपने होटल पहुंचे। यहां भारतीय समुदाय ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ के नारे लगे और तिरंगा लहराया।
स्वागत के क्रम में मॉरीशस की महिलाओं ने पारंपरिक बिहारी गीत ‘गीत गवई’ गाया, जिससे मोदी भी खूब आनंदित हुए और ताली बजाई। यह गीत भोजपुर क्षेत्र की महिलाओं का पारंपरिक लोक संगीत है, जिसे 2016 में यूनिस्को ने सांस्कृतिक धरोहर के रूप में शामिल किया था। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में भारत और मॉरीशस के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इन समझौतों में आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा। मॉरीशस में भारत का विकास सहयोग मजबूत रहा है, और 2022 में भारत ने मॉरीशस को डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए करीब 1.1 अरब डॉलर की मदद दी थी।
समुद्री सुरक्षा और व्हाइट-शिपिंग जानकारी साझा करने पर चर्चा
भारत और मॉरीशस के बीच हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। दोनों देश व्हाइट-शिपिंग जानकारी साझा करने के लिए एक MoU साइन कर सकते हैं। इससे दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा मजबूत होगी। इसके अलावा, पीएम मोदी ने मॉरीशस के चागोस द्वीप पर भी समर्थन दिया, जहां भारत ने मॉरीशस के दावे का समर्थन किया है।
भारत-मॉरीशस के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध
भारत के लिए मॉरीशस बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हिंद महासागर में भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करता है। मॉरीशस में भारतीय मूल के लोग बहुसंख्यक हैं, और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध भी गहरे हैं।
भारत ने मॉरीशस के उत्तरी अगालेगा द्वीप पर सैन्य बुनियादी ढांचा तैयार किया है, जो हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेगा। मॉरीशस में भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या है। 1834 में भारतीय मजदूरों को लेकर एटलस जहाज मॉरीशस पहुंचा था। तब से लेकर अब तक भारतीय समुदाय ने यहां की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।