दिल्ली। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 टूरिस्ट मारे गए। इस हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाए हैं। आज दिल्ली में सभी राजनीतिक पार्टियों की एक अहम बैठक बुलाई गई है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में ये बैठक होगी।
आपको बता दे, कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक (CCS) हुई, जो ढाई घंटे चली। इसमें 5 बड़े फैसले लिए गए। सिधु जल समझौता रोक दिया गया (ये पानी से जुड़ा समझौता है जो भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था)। सार्क वीजा स्कीम को भी सस्पेंड कर दिया गया है। दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने को कहा है। इसके बाद बड़ी संख्या में पाक नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचने लगे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के टॉप राजनयिक साद अहमद वराइच को बुलाया और उन्हें ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया। इसका मतलब है कि उन्हें अब भारत में रहने की अनुमति नहीं है और एक हफ्ते के अंदर देश छोड़ना होगा।
सभी दल एकजुट: संजय राउत
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, “यह सिर्फ एक हमला नहीं, देश पर हमला है। इस संकट की घड़ी में सभी पार्टियों को मिलकर सरकार के साथ खड़ा होना होगा।”
पाकिस्तान में डर का माहौल
इस हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान पूरी रात दहशत में रहा। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने तीनों सेनाओं के अफसरों से मीटिंग की। 18 लड़ाकू विमान (JF-17) कराची एयरबेस से भारत के पास एयरबेसों की तरफ भेजे गए। LOC (नियंत्रण रेखा) पर सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई गई है। किस्तान ने अरब सागर में युद्ध अभ्यास भी शुरू कर दिया है। हालांकि, पाकिस्तान को लगता है कि भारत फिलहाल जमीन पर हमला नहीं करेगा। लेकिन सभी फाइटर स्क्वाड्रन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।