बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब दो शिक्षिकाएं अपने तबादले के आदेश के साथ नई पदस्थापना के लिए पहुंचीं, लेकिन जांच में पाया गया कि उनका ट्रांसफर आदेश फर्जी है। इसके बाद अधिकारी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों के तबादला आदेश रद्द कर दिए।
यह मामला जांजगीर-चांपा में पदस्थ ज्योति दुबे और सूरजपुर में पदस्थ श्रुति साहू का है। दोनों कुछ दिन पहले बिलासपुर DEO ऑफिस पहुंचीं और कहा कि उनका तबादला यहां हुआ है। लेकिन जब आदेश की प्रामाणिकता जांची गई, तो उसमें कई गड़बड़ियां पाई गईं। दस्तावेज़ों में स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आरपी वर्मा का फर्जी हस्ताक्षर किया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि ऐसे ही फर्जी आदेशों के जरिए कई जिलों में करीब आधा दर्जन शिक्षकों का ट्रांसफर दिखाया गया है। इस मामले में अवर सचिव ने रायपुर के राखी थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।
जब दोनों शिक्षिकाओं को बताया गया कि उनका आदेश नकली है, तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी और DEO के आदेश को रद्द करने की मांग की। सुनवाई के दौरान जब उन्हें फर्जीवाड़े की जानकारी दी गई, तो उन्होंने अपने पुराने स्कूल में लौटने के लिए 10 दिन का समय मांगा। यह मामला बताता है कि ट्रांसफर जैसी प्रक्रियाओं में भी अब फर्जीवाड़ा हो रहा है, जिसे रोकने के लिए सतर्कता जरूरी है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस तरह की किसी भी गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

