दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नक्सलियों को ड्रोन सप्लाई करने और प्रशिक्षण देने वाले एक डबल एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान मथुरा निवासी विशाल सिंह के रूप में हुई है, जो पिछले 7 वर्षों से नक्सली संगठनों के लिए ड्रोन सप्लाई और ट्रेनिंग देने का काम कर रहा था। उसे 29 जून को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
NIA अधिकारियों के अनुसार, विशाल सिंह ने छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के घने जंगलों में सक्रिय CPI (माओवादी) जैसे प्रतिबंधित संगठनों को ड्रोन और अन्य तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराए। वह नक्सलियों को सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन ऑपरेट करना सिखाता था। इसके अलावा वह बिहार के छकरबंदा-पचरुखिया वन क्षेत्र में नक्सली नेताओं को ड्रोन सप्लाई कर चुका है।
पूछताछ में सामने आया है कि विशाल सिंह नक्सली बैठकों में भी शामिल होता था। वर्ष 2019 में उसने बिहार के जंगलों में माओवादी केंद्रीय समिति की मीटिंग में भाग लिया था। वह नक्सलियों को तकनीकी प्रशिक्षण देने का काम करता था और खुद दिल्ली में आम नागरिक के रूप में छिपकर रह रहा था।
डिजिटल सबूतों की जांच जारी
विशाल को नवीनतम तकनीकी उपकरणों की जानकारी थी, जिसे वह जंगलों में सक्रिय नक्सलियों के हित में इस्तेमाल करता था। NIA ने उसके पास से कई डिजिटल सबूत जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। एजेंसी को उम्मीद है कि इससे नक्सलियों के तकनीकी नेटवर्क और रणनीतियों के बारे में और जानकारियाँ मिलेंगी।
इससे पहले अगस्त 2024 में अजय सिंघल नामक एक और एजेंट को भी गिरफ्तार किया गया था, जो माओवादी संगठन की हरियाणा और पंजाब इकाई का प्रमुख था। 2013 में बेंगलुरु की एक कंपनी पर नाइट विजन डिवाइस सप्लाई करने का आरोप भी लग चुका है। NIA का कहना है कि यह गिरफ्तारी CPI (माओवादी) के उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो (NRB) की गतिविधियों को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। एजेंसी इस पूरे नेटवर्क का विस्तार से पर्दाफाश करने में जुटी है।