मुंबई। ऑनलाइन ऑर्डर करना आज के दौर में बेहद आम हो गया है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट से सामान मंगाना हो या जोमैटो-स्विगी से खाना, हर चीज एक क्लिक पर घर पहुंच रही है। लेकिन इस सुविधा के पीछे दिन-रात मेहनत करने वाले गिग वर्कर्स की जिंदगी कितनी चुनौतीपूर्ण है, यह कम ही लोग समझते हैं।
गिग वर्कर्स यानी डिलीवरी एजेंट्स, जो धूप, बारिश, ठंड और ट्रैफिक के बीच समय पर ऑर्डर पहुंचाने की कोशिश करते हैं, अब उनके लिए एक राहत भरी खबर आई है। महाराष्ट्र सरकार जल्द ही गिग वर्कर्स की सुरक्षा और भलाई को ध्यान में रखते हुए एक नया कानून लाने जा रही है।
राज्य के श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार गिग वर्कर्स के लिए “सामाजिक सुरक्षा कानून” (Social Security Law) तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि जोमैटो, स्विगी और अन्य डिलीवरी कंपनियों में काम करने वाले लाखों वर्कर्स को कानूनी सुरक्षा की जरूरत है।
फुंडकर ने बताया कि इस कानून के तहत गिग वर्कर्स को न्यूनतम आय (Minimum Wage), तय छुट्टियां (Paid Holidays), और रिटायरमेंट प्लान जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इससे उनकी जिंदगी को स्थायित्व मिलेगा और वे असुरक्षित नौकरी की स्थिति से बाहर निकल पाएंगे।
अभी इन वर्कर्स को कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर रखती हैं, जहां कम वेतन, कोई सुविधा नहीं और अचानक नौकरी से निकालने का खतरा बना रहता है। नए कानून से यह स्थिति बदलेगी और उन्हें एक सुरक्षित भविष्य मिलेगा। सरकार का यह कदम लाखों गिग वर्कर्स के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।