दिवाली की रात झुलसीं 91 साल की बुजुर्ग ने शुक्रवार को एम्स में दम तोड़ दिया। दिवाली की रात 31 अक्टूबर को दीये से उनकी साड़ी में आग लग गई थी। वे 70 फीसद तक झुलस गई थीं।
इस साल भोपाल में बर्न केस के 15 मरीज एम्स, 13 मरीज जेपी और 24 मरीज हमीदिया पहुंचे। ज्यादातर मरीजों को प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 5 गंभीर मरीज भर्ती हैं। एम्स में एक 14 साल के बच्चे और एक 29 साल के युवक की एक – एक आंखों की रोशनी चली गई है। पटाखे की चपेट में आने से आंख गंभीर रूप से घायल हो गई है।
50 फीसदी बर्न के साथ आए मरीज
हमीदिया अस्पताल में दो गंभीर मरीज पहुंचे। अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर सुनीत टंडन ने बताया दो व्यक्ति पटाखों से लगी आग के चलते 50 फीसदी से ज्यादा जल गए। दोनों मरीजों का हमीदिया अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक विभाग में इलाज चल रहा है। एक मरीज बैतूल के रहने वाले हैं।
दिवाली की रात 115 सड़क हादसे हुए
दिवाली के मौके पर बड़ी संख्या में सड़क हादसे से जुड़े मरीज भी पहुंचे। शहर के सरकारी अस्पतालों में 115 मरीज ऐसे आए, जो दो पहिया वाहन और चार पहिया वाहन से हुए हादसे के चलते उपचार के लिए आए। जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि करीब 45 मरीज सड़क हादसे से जुड़े आए। ज्यादातर मरीज शराब के नशे में थे।