ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में रविवार को छत्तीसगढ़ के एक भक्त ने भगवान महाकाल के लिए 24 लाख रुपये से निर्मित चांदी की पालकी भेंट की है। दानदाता ने मंदिर प्रशासन को गुप्त दान के रूप में पालकी सौंपी है।
मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि मंदिर के पुजारी, पुरोहित के सहयोग से छत्तीसगढ़ के दानदाता ने भगवान महाकाल के नगर भ्रमण के लिए चांदी की नई पालकी बनाई है।
21 किलो चांदी से बनी है नई पालकी
भगवान महाकाल की नई पालकी करीब 21 किलो चांदी से बनी है। पालकी का स्ट्रक्चर सागौन की लकड़ी व स्टील के पाइप से तैयार किया गया है। इसके बाद चांदी का आवरण चढ़ाकर इसे तैयार किया है। पालकी करीब तीन फीट चौड़ी तथा पांच फीट लंबी है।
पालकी उठाने वाले हत्थे पर सिंह के मुख की आकृति बनाई गई है। पालकी कुल लंबाई 17 फीट है। इसका कुल वजन करीब सवा दो क्विंटल बताया जा रहा है। अवंतिकानाथ इसकी पालकी में विराजकर कब भ्रमण करेंगे, इस पर मंदिर समिति बाद में निर्णय लेगी।
कार्तिक अगहन मास में भगवान महाकाल की राजसी सवारी आज
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से सोमवार को कार्तिक अगहन मास की राजसी सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। शिप्रा तट पर पूजन के बाद सवारी छोटा तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीगेट के रास्ते मंदिर पहुंचेगी।
मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि कार्तिक अगहन मास की राजसी सवारी के लिए भव्य तैयारी की गई है। नगर भ्रमण से पहले दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर मुखारविंद का पूजन करेंगे।