रायपुर। राजधानी रायपुर की खमतराई पुलिस ने गोवंश तस्करी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपितों—उमेश दावड़ा (36) और विकास तिवारी (21)—को गिरफ्तार किया है। दोनों अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं और लंबे समय से अवैध गो-तस्करी गतिविधियों में शामिल बताए जा रहे हैं। विकास तिवारी का पिता विवेक तिवारी फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
आरोपित उमेश दावड़ा नागपुर का रहने वाला है और उस पर छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र के कई जिलों में गो-तस्करी के मामले दर्ज हैं। वह बिलासपुर से 30 मवेशियों को अवैध रूप से नागपुर ले जा रहा था। रास्ते में छह मवेशी ट्रक से कूदकर घायल हो गए, जिसके बाद 24 मवेशियों को रायपुर होते हुए नागपुर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।
एक नवंबर को प्रार्थी प्रिंस सिंह परमार ने पुलिस को सूचना दी थी कि एक ट्रक के जरिए भारी मात्रा में गोवंश की तस्करी की जा रही है। सूचना पर पुलिस ने मेटल पार्क रांवाभाठा धनेली नाला के पास चेकिंग लगाई। सुबह करीब चार बजे संदिग्ध ट्रक नजर आया, लेकिन पुलिस को देखते ही चालक वाहन छोड़कर फरार हो गए।
जब पुलिस ने ट्रक की तलाशी ली तो उसमें 24 नंदी भरे मिले, जिनमें से 5 मृत अवस्था में पाए गए। मवेशियों को अत्यंत क्रूरता के साथ ठूंस-ठूंसकर भराया गया था। पुलिस ने तुरंत पशु क्रूरता अधिनियम व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपित विवेक तिवारी के खिलाफ पहले से ही कृषक पशु अधिनियम के तहत अपराध दर्ज है। उमेश दावड़ा की गिरफ्तारी से पुलिस को तस्करों के एक बड़े नेटवर्क का पता चलने की उम्मीद है। पुलिस का कहना है कि फरार आरोपित की गिरफ्तारी के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं।

