दिल्ली। उत्तर भारत में लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से मौसम में तेजी से बदलाव आया है। मैदानी और पर्वतीय इलाकों में जारी वर्षा और हिमपात ने गर्मी से राहत दी है, लेकिन इसके साथ ही लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। पंजाब और बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने से खेत पानी में डूब गए और फसलों को भारी नुकसान हुआ।
पंजाब और हरियाणा में भी लगातार बारिश ने मंडियों में रखे धान और गेहूं को भीगी हुई स्थिति में डाल दिया। एनसीआर में मंगलवार शाम भारी वर्षा के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पालम मौसम केंद्र ने शाम 5:30 बजे तक 41.6 मिमी वर्षा दर्ज की। दिल्ली का न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.3 डिग्री कम है।
हिमाचल प्रदेश के रोहतांग, शिकुला और बारालाचा दर्रों में हिमपात से मनाली-लेह मार्ग पर लाहुल-स्पीति के दारचा में लगभग 250 वाहन फंसे। पांगी घाटी का संपर्क दो से आठ फीट तक बर्फबारी से कट गया। शिमला जिले की चांशल पीक पर सीजन का पहला हिमपात हुआ। पर्यटन स्थल रोहतांग तीसरे दिन भी बंद रहा। ऊना, सुंदरनगर और शिमला में 2004 के बाद 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई।
कश्मीर घाटी के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश जारी रही। गुलमर्ग में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया। उत्तराखंड में लगातार दूसरे दिन बारिश-बर्फबारी हुई, और केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब समेत कई चोटियां बर्फ से लकदक हो गई हैं।
बिहार में नदियों का जलस्तर उफान पर है। मधुबनी के अंदौली और पतार गांव में धौंस नदी के तटबंध टूटने से दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आए। लगभग डेढ़ लाख लोग प्रभावित हुए और 20 हजार बीघे फसल जलमग्न हो गई। मुजफ्फरपुर के कटरा में बागमती नदी के उफान से कई इलाके पानी में डूब गए।