युवक की पीट-पीटकर हत्या, पैसों के लेनदेन का था विवाद

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक युवक की अपहरण के बाद पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। युवक दो दिन से लापता था। उसके परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। इसी बीच पुलिस ने उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी मौत हो गई।

परिजनों का आरोप है कि, उसे बेरहमी से पीटा गया और अधमरा कर फेंक दिया गया। दरअसल, तारबाहर थाना क्षेत्र के तोरवा निवासी राजू सिंह मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है। उसका बेटा हरिओम सिंह (24) फाइनेंस का काम करता था। तोरवा के ही इंद्रजीत यादव, श्रेयांश राजपूत और एक अन्य दोस्त के साथ पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद था।

हरिओम की बेरहमी से मारपीट कर हत्या कर दी गई।

घर से उठा ले गए थे युवक

परिजनों ने बताया कि, पिछले 24 अक्टूबर की दोपहर तीनों दोस्त उसे खोजते हुए घर आए थे। जिसके बाद रात में वो हरिओम को अपने साथ जबरदस्ती लेकर चले गए। देर रात हरिओम के मोबाइल पर परिजनों की बात हुई, तब वो लोग उसकी बेरहमी से पिटाई कर रहे थे। जिस पर परिजनों ने मारपीट करने से मना किया था। 25 अक्टूबर की शाम हरिओम विनोबा नगर गायत्री मंदिर के पास बेहोशी की हालत में मिला। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था, तब उसे लावारिस समझ रही थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों के पहुंचने पर उसकी पहचान हुई।

तारबाहर क्षेत्र के विनोबा नगर में गंभीर रूप से घायल पड़ा था हरिओम।

बेरहमी से पिटाई, अधमरा छोड़कर भागे बदमाश

परिजन का आरोप है कि, इंद्रजीत, श्रेयांश और उसके दोस्त मिलकर उसे सकरी ले गए थे, जहां रात भर उन्होंने हरिओम की बेरहमी से पिटाई की। 25 अक्टूबर की सुबह से परिजन हरिओम की तलाश कर रहे थे। इस दौरान उनका हरिओम से संपर्क नहीं हो सका। तब शाम को उन्होंने श्रेयांश से संपर्क किया। इस पर श्रेयांश ने बताया कि उसके साथ मारपीट कर हम लोग छोड़ दिए थे। अब उन्हें उसकी जानकारी नहीं है। परिजन का आरोप है कि, इंद्रजीत, श्रेयांश और उसके दोस्तों ने उसकी जमकर पिटाई कर उसे अधमरा कर छोड़ दिया था।

अस्पताल स्टाफ को बताई आप बीती, पुलिस ने बरती लापरवाही

परिजनों का आरोप है कि, पुलिस ने हत्या को हादसा मानकर ध्यान नहीं दिया। पुलिसकर्मी उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराकर लौट गए। इस दौरान हरिओम ने अस्पताल के कर्मचारियों को आपबीती बताई और युवकों के बेरहमी से पिटाई की जानकारी दी थी। पुलिस ने मामले में लापरवाही बरती और उसे लावारिस मानकर लाश अस्पताल में शिफ्ट करा दिया।

युवक की मौत के बाद परिजनों ने लगाए अपहरण और हत्या के आरोप।

परिजन का आरोप है कि, इंद्रजीत यादव, श्रेयांश और उसके साथियों ने मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। अब उन्हें न्याय चाहिए। उन्होंने हत्या का केस दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।  बताया जा रहा है कि, हरिओम ब्याज पर पैसे देता है। उसके साथ इंद्रजीत, श्रेयांश ने करीब 8 लाख रुपए उधार में लिए थे। इसी बात को लेकर हरिओम सिंह, इंद्रजीत और श्रेयांश का विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते अपहरण कर उसकी हत्या की गई है।

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