रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में अब तीन आईएएस अधिकारियों की भी भूमिका सामने आई है। एसीबी और ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने इन तीनों अधिकारियों को पूछताछ के लिए समन भेजा है।
इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं। इससे पहले, ACB-EOW ने CGMSC घोटाले में मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया था और अब वह पुलिस रिमांड पर है। शशांक चोपड़ा से पूछताछ में कई नए खुलासे हुए हैं, और यह घोटाला अब तक का सबसे बड़ा दवा खरीदी घोटाला माना जा रहा है, जिसकी कीमत 400 करोड़ से अधिक है।
जांच में यह सामने आया कि CGMSC ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की दवाइयां खरीदी थीं, और कुछ अस्पतालों में जहां दवाइयों और उपकरणों की जरूरत नहीं थी, वहां भी सप्लाई की गई। इसके अलावा, 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से 350 से ज्यादा केन्द्रों में आवश्यक संसाधन नहीं थे, फिर भी दवाइयां और उपकरण सप्लाई किए गए।
ईओडब्ल्यू ने एफआईआर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और इस घोटाले में कई और अधिकारियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि अफसरों की मिलीभगत से सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ।