रायपुर।रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की रहवासी सोसायटियों द्वारा गलत अधिनियम के तहत पंजीयन कराने और उसके विपरीत कॉलोनी के रख-रखाव व शुल्क वसूली करने पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएं छत्तीसगढ़ ने रायपुर स्थित आनंद विहार रेसिडेंट्स विकास सोसायटी का पंजीयन रद्द कर दिया है। इसी तरह पूरे राज्य में 360 सोसायटियों को नोटिस जारी किया गया है, जो गलत श्रेणी में पंजीकृत पाई गई हैं।
जांच में सामने आया कि कई सोसायटियों ने छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के तहत पंजीयन कराया था। यह अधिनियम सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों वाली संस्थाओं के लिए बनाया गया है, जिसमें कॉलोनी रख-रखाव और मेंटेनेंस का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद कई सोसायटियां नियमित रूप से मेंटेनेंस शुल्क वसूल रही थीं, जो उनके पंजीकृत उद्देश्यों के विपरीत था।
रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की सोसायटियों को छत्तीसगढ़ सहकारी अधिनियम, 1960 के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है। RERA, 2016 के अनुसार किसी प्रोजेक्ट में 50% से अधिक आवंटियों द्वारा घर या प्लॉट बुक होने के तीन माह के भीतर एसोसिएशन ऑफ अलॉट्टीज या सहकारी सोसायटी का गठन करना जरूरी है।
रजिस्ट्रार कार्यालय ने शिकायतों की जांच और सुनवाई के बाद आनंद विहार सोसायटी को दोषी पाया। सोसायटी ने सोसायटी एक्ट 1973 में पंजीकृत रहते हुए मेंटेनेंस शुल्क वसूला और प्रशासनिक कार्य किए, जो अधिनियम की मंशा के खिलाफ था। अतः अधिनियम की धारा 34 के तहत उसका पंजीयन रद्द कर दिया गया।
राज्यभर की 360 सोसायटियों को 15 दिन में ऑनलाइन पोर्टल rfas.cg.nic.in पर अपने उद्देश्य संशोधित करने का निर्देश दिया गया है। समय पर सुधार न करने या शिकायत मिलने पर पंजीयन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि रियल एस्टेट सोसायटियों को सही अधिनियम के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है ताकि कॉलोनी प्रबंधन और रख-रखाव कानूनी रूप से सही ढंग से संचालित हो सके।

