दिल्ली में वायु प्रदूषण 2 दिन बाद फिर गंभीर कैटेगरी के करीब पहुंच गया है। मंगलवार सुबह दिल्ली के 18 इलाकों में AQI 400 के पार रिकॉर्ड की गई। आनंद विहार में हवा सबसे ज्यादा जहरीली है। यहां AQI 436 रिकॉर्ड किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 18 नवंबर से 12वीं तक के स्कूलों की ऑनलाइन क्लासेस कर दी गई थी। अब एक हफ्ते बाद स्कूल खोलने का फैसला किया गया है। 12वीं तक के सभी स्कूल अब हाइब्रिड मोड में चल सकेंगे। दिल्ली में प्रदूषण का असर उत्तराखंड तक पहुंच चुका है। नैनीताल में AQI 200 के करीब पहुंच गया है। यह खराब श्रेणी में माना जाता है। केदारनाथ घाटी पर भी नीली धुंध दिखने लगी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दिल्ली की प्रदूषित हवा का असर है।
दिल्ली की हवा से उत्तराखंड में प्रदूषण ऐसे बढ़ा
- दिल्ली का दम घोंटू वायु प्रदूषण अब हिमालय की साफ-सुथरी हवा भी खराब करने लगा है। उत्तराखंड के नैनीताल और मसूरी जैसे पर्यटक स्थलों की हवा में पिछले एक हफ्ते के दौरान पीएम 2.5 का स्तर 130 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच चुका है।
- नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह के अनुसार, दोपहर के समय गर्म हवा के साथ दिल्ली और आसपास के इलाकों का प्रदूषण पहाड़ों की ओर बढ़ता है। जो पहाड़ों पर दोपहर में नीले रंग की धुंध के रूप में नजर आ रहा है।
- डॉ. नरेंद्र सिंह ने कहा कि हवा में मौजूद नमी इन कणों के साथ मिलकर धुंध की एक परत बना रही है। जिसे इन दिनों शिवालिक श्रेणियों में आसानी से देखा जा सकता है। इस प्रदूषण के कारण नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून और मसूरी में इन दिनों धुंध नजर आ रही है।
बारिश ही समाधान
विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के मुताबिक इस समस्या का तात्कालिक समाधान बारिश है। बारिश होने पर हवा में मौजूद प्रदूषक कण जमीन पर गिर जाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता सुधरती है। हालांकि, लंबे समय में मैदानी इलाकों में प्रदूषण पर नियंत्रण के बिना इस समस्या का समाधान मुश्किल है। फिल्हाल आने वाले कुछ दिनों तक बारिश होने की भी उम्मीद नहीं है।