इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) में पढ़ रहे अंतिम वर्ष के कुछ छात्रों ने अपने ही संस्थान को बदनाम करने की साजिश रची। जानकारी मिली है कि इन छात्रों ने नेपाल के जेन-जी आंदोलन की तर्ज पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। इसके लिए जूनियर छात्रों को भड़काया गया, फर्जी ई-मेल और सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए तथा रोजाना पोस्ट डालने के लिए कहा गया।
दरअसल, 29 अगस्त को रैगिंग मामले में अंतिम वर्ष के चार छात्रों पर एंटी रैगिंग कमेटी ने कार्रवाई की थी। इसी से नाराज होकर सीनियर छात्रों ने बदला लेने की योजना बनाई। जांच में सामने आया कि उन्होंने जूनियर छात्रों को उकसाकर विरोध आंदोलन शुरू करने की साजिश की।
हॉस्टल में तोड़फोड़ की साजिश
बीते गुरुवार देर रात करीब तीन बजे कुछ जूनियर छात्रों ने हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरे और डीवीआर तोड़ दिए। पूछताछ में पता चला कि यह कार्रवाई सीनियरों के कहने पर की गई थी। इससे पहले सोमवार को सीनियरों ने जूनियर छात्रों की बैठक ली थी और उन्हें रणनीति समझाई थी।
वाट्सएप चैट से हुआ खुलासा
एंटी रैगिंग कमेटी की जांच में जब जूनियर छात्रों के मोबाइल खंगाले गए तो एक फोन में वाट्सएप ग्रुप की चैटिंग मिली। इसमें साफ था कि सीनियर छात्रों ने ही तोड़फोड़ और आंदोलन की योजना बनाई थी।
डीएवीवी कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। भंवरकुआं थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। IET निदेशक डॉ. प्रतोष बसंल का कहना है कि आरोपी छात्र किसी भी संगठन से जुड़े नहीं हैं, इनमें से दो सिविल ब्रांच के बीटेक छात्र हैं।