पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन बॉर्डर पर भारतीय सेना ने 1 नवबंर से पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। अभी डेमचोक पर निगरानी की जा रही है। देपसांग पर जल्द पेट्रोलिंग शुरू हो जाएगी। दोनों देशों की सेनाओं के बीच इन दोनों इलाकों से पीछे हटने पर सहमति बनी थी। डिएस्केलेशन की प्रक्रिया 30 अक्टूबर को पूरी हो गई थी।
कल दिवाली के मौके पर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, काराकोरम पास, दौलत बेग ओल्डी, कोंग्कला और चुशुल-मोल्डो से लगे लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर दोनों देशों के अफसरों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और दीपावली की बधाई दी थी।
संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश के बुमला पास पर चीनी सैनिकों से बात की। रिजिजू ने सोशल मीडिया X पर इसका एक वीडियो भी पोस्ट किया। भारत-चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को कहा था कि सैनिकों की वापसी पहला कदम है। अगला कदम तनाव कम करना है। ये तनाव तभी कम होगा, जब भारत को यकीन हो जाए कि चीन भी ऐसा ही चाह रहा है। तनाव कम करने के बाद, बॉर्डर को कैसे मैनेज किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।
जानिए भारत-चीन बॉर्डर पर कैसे पीछे हटीं सेनाएं
भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद एक समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी।
18 अक्टूबर: देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की जानकारी सामने आई थी। इसमें बताया गया था कि यहां से दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी।
21 अक्टूबर: 2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।
25 अक्टूबर: भारत और चीन की सेनाएं 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई थीं। सबसे पहले डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटाए थे। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले गए हैं।
30 अक्टूबर: सेना के सूत्रों ने बताया कि, जिन दो इलाकों में विवाद था। वहां से दोनों देशों की सेनाएं पूरी तरह से पीछे हट चुकी हैं। सेना ने डिएस्केलेशन प्रोसेस को वैरिफाई भी किया।