रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को नाबालिग पर एसिड अटैक होने का मामला सामने आया। पुलिस ने मामले में जांच शुरू की, तो पूरी नाबालिग द्वारा बताई गई कहानी झूठी निकली। पुलिस महकमें के अधिकारियों ने मीडियाकर्मियों को नाबालिग द्वारा मनगढ़त कहानी बनाने की पुष्टि की है। नाबालिग घर में गैस जलाने के दौरान जला था। परिजनों की डांट से बचने के लिए उसने पूरी कहानी यू-ट्यूब में देखकर गढ़ी थी।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, राजधानी रायपुर के डीडीनगर इलाके के सत्यम विहार कालोनी रायपुरा में शनिवार दोपहर अपने छोटे भाई के साथ जा रहे 12 साल के नाबालिग पर बाइक सवार दो अज्ञात युवकों ने ज्वलनशील पाउडर फेंक दिया। घटना में उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया। उसे एम्स में भर्ती कराया गया है। फिलहाल बाइक सवार युवकों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस बच्चे के परिजनों से पूछताछ कर रही है।
डीडीनगर थाना पुलिस के अनुसार, सत्यम विहार कालोनी गणेश मंदिर के पीछे रायपुरा निवासी टीकम छत्तीसगढ डीजल्स मौदहापारा केके रोड में मैकेनिक का काम करता है। शनिवार दोपहर डेढ़ बजे टीकम का दस वर्षीय बेटा अपने छोटे भाई के साथ दोस्त के घर खेलने जा रहे थे। शिवम एजुकेशनल एकेडमी स्कूल के पास पहुंचे थे, तभी चंगोराभाठा की तरफ से बाइक सवार दो अज्ञात युवक आकर रुके। बाइक में पीछे बैठे युवक ने भूरे और गुलाबी रंग का ज्वलनशील केमिकल पाउडर कल्प देवांगन के चेहरे पर फेंक दिया।
इससे उसका मस्तक, आंखों के नीचे का हिस्सा झुलस गया। इसके बाद बाइक सवार भाग निकले। झुलसे हालत में घर पहुंचे नाबालिग ने अपनी मां को घटना की जानकारी दी। शाम चार बजे पूर्णिमा ने पति टिकम को फोन कर बुलाया। इसके बाद मामला पुलिस थाने पहुंचा। पूरे मामले की जांच शुरु हुई तो पता चला, कि नाबालिग गैस जलाने के दौरान घर में जला था। नाबालिग ने अपने छोटे भाई को भरोसे में लेकर पूरी कहानी गढ़ी थी। पुलिस ने नाबालिग के छोटे भाई से घटना के बारे में पूछा, ताे उसने इस बात का खुलासा कर दिया।