दिल्ली। पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश ने ऐसा कदम उठाया है जिससे भारत की टेंशन बढ़ गई है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने बंगाल की खाड़ी के तटीय क्षेत्र में 17 वॉरशिप और गश्ती हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। आधिकारिक रूप से यह कदम देश की राष्ट्रीय मछली हिल्सा (Hilsa) की सुरक्षा के लिए बताया गया है, लेकिन भारत के रणनीतिक विशेषज्ञ इसे समुद्री शक्ति प्रदर्शन के रूप में देख रहे हैं।
दरअसल, बांग्लादेश ने 4 से 25 अक्टूबर तक हिल्सा मछली के प्रजनन काल में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाया है। बांग्लादेश नेवी की तैनाती का उद्देश्य बताया गया है कि इस दौरान किसी भी मछुआरे को अवैध रूप से हिल्सा पकड़ने से रोका जाए। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नेवी के युद्धपोत और हेलीकॉप्टर 24 घंटे गश्त पर रहेंगे ताकि भारत-बांग्लादेश सीमा के पास मछुआरों की घुसपैठ न हो सके।
हिल्सा बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली है, जिसकी कीमत ढाका में करीब 2,200 टका (18.40 डॉलर) प्रति किलो तक पहुंच जाती है। करोड़ों लोग इसकी बिक्री पर निर्भर हैं। भारत के पश्चिम बंगाल में भी हिल्सा की भारी मांग रहती है और वहां की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा गंगा डेल्टा के आसपास मछली पकड़कर अपनी आजीविका चलाता है।
राजनयिक दृष्टि से भी हिल्सा मछली दोनों देशों के बीच ‘फिश डिप्लोमेसी’ का हिस्सा रही है। शेख हसीना सरकार के दौरान दुर्गा पूजा पर भारत को 1,200 टन हिल्सा भेजी गई थी। लेकिन शेख हसीना के सत्ता से हटने और मोहम्मद यूनुस के अंतरिम शासन में आने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में ठंडक आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वॉरशिप की यह तैनाती हिल्सा की सुरक्षा से ज्यादा रणनीतिक संदेश देने की कोशिश भी हो सकती है।