रायपुर। भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजे के नाम पर हुए फर्जीवाड़े की जांच अब तक अधूरी है। प्रभावित लोगों से दावा-आपत्तियां मंगाने के बाद संभागायुक्त ने चार जांच टीमों का गठन किया था। इन टीमों को 15 जुलाई 2025 तक रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन डेढ़ महीना बीत जाने के बावजूद कोई भी रिपोर्ट नहीं दी गई। इस लापरवाही पर संभागायुक्त ने नाराजगी जताई है और अब जांच अधिकारियों को नोटिस देने की तैयारी है।
जांच टीमों में अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इनका काम था कि भारतमाला परियोजना के दौरान कार्यरत एसडीएम, तहसीलदार, आरआई, पटवारी आदि की सूची तैयार कर उनके कार्यों की जानकारी इकट्ठा कर जांच रिपोर्ट तैयार करें। लेकिन रिपोर्ट न आने से जांच की प्रक्रिया ठप हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, जिन अधिकारियों पर संदेह है, वे राजनीतिक और प्रशासनिक रसूखदारों से सिफारिश लगवाकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं। इस वजह से रिपोर्ट को जानबूझकर टालने की कोशिश हो रही है। मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ही दोषियों पर कार्रवाई होगी।
जांच समिति की स्थिति इस प्रकार है:
-
जांच समिति बनी: 15 जून 2025
-
रिपोर्ट की अंतिम तारीख: 15 जुलाई 2025
-
कुल टीमें: 4 (16 अफसर शामिल)
-
अब तक की रिपोर्ट: शून्य