राज्य स्थापना दिवस पर दीपों से जगमगाया बिलासपुर, आयोजन में उमड़ा जनसैलाब

छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष में प्रवेश के उपलक्ष्य में पूरे बिलासपुर जिले में राज्य स्थापना दिवस की खुशियां दीयों की रोशनी से मनाई गईं। अरपा रिवर व्यू में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में 10 हजार दीपों की श्रृंखला से जगमगाते दृश्य ने सभी का मन मोह लिया। कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह और नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार समेत अन्य अधिकारी व शहरवासी इस आयोजन में शामिल हुए और दीप जलाकर राज्य स्थापना दिवस का उत्सव मनाया।

कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री और छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता अटल बिहारी वाजपेई को श्रद्धांजलि दी गई। कलेक्टर अवनीश शरण ने राज्य निर्माण के 24 वर्ष पूर्ण होने पर सभी को बधाई दी और आगामी राज्योत्सव में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विकास के नए सोपान गढ़ रहा है और अपने साथ बने अन्य राज्यों से आगे बढ़ते हुए गौरवशाली 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

राज्य स्थापना दिवस पर दीपों से जगमगाया बिलासपुर, कलेक्टर और एसपी ने जलाए दीप, नगर निगम के आयोजन में उमड़ा जनसैलाब

कलेक्ट्रेट और टाउन हाल में आकर्षक रोशनी

राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जिला कलेक्ट्रेट और ऐतिहासिक टाउन हाल को विशेष रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है, जो शाम के समय आकर्षण का केंद्र बन रहा है। जिला पंचायत भवन में भी दीप जलाकर स्थापना दिवस का उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान और अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ निर्माण के समय थे 16 जिले

1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ का गठन हुआ, और तब इसमें 16 जिले थे: रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, महासमुंद, कोरबा, बलौदाबाजार, धमतरी, रायगढ़, सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कांकेर, और जशपुर। अब यह संख्या बढ़कर 33 जिलों तक पहुंच गई है।

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खनिज संसाधनों की भरपूरता

छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों का प्रमुख उत्पादक राज्य है, जहां लौह अयस्क, कोयला, बॉक्साइट, और अन्य खनिजों के बड़े भंडार मौजूद हैं। यह भारत के टिन अयस्क भंडार का 35.4% हिस्सा रखता है और देश का एकमात्र राज्य है जहां टिन कंसन्ट्रेटस का उत्पादन होता है।

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छत्तीसगढ़ की ये प्रमुख नदियां

छत्तीसगढ़ में नदियों में महानदी, शिवनाथ, अर्पा, इंद्रावती, सबरी, लीलागर, हसदो, पैरी, और सोंदूर हैं, जो न केवल राज्य के जल संसाधनों को समृद्ध करती हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण काल

छत्तीसगढ़ का क्षेत्र मौर्य और गुप्त साम्राज्य के समय में भी महत्वपूर्ण रहा। बाद में, यह कलचुरी राजवंश के अधीन आया, जिन्होंने क्षेत्र में कई मंदिरों का निर्माण करवाया। 16वीं शताब्दी में मराठों ने यहां कब्जा किया, और अंततः यह ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। स्वतंत्रता के बाद, यह मध्य प्रदेश का हिस्सा बना, लेकिन भाषा, संस्कृति और आर्थिक दृष्टि से भिन्नता के कारण अलग राज्य की मांग लगातार उठती रही।

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