दिल्ली में आगामी फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में हाशिए पर खड़े और अपनी उपेक्षा महसूस कर रहे नेताओं का पार्टी से पलायन जारी है। भाजपा को शुक्रवार को एक और झटका लगा, जब सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू भाजपा का दामन छोड़कर एक बार फिर आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए।
उन्हें वरिष्ठ आप नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। माना जा रहा है कि इस बार बिट्ट आप के टिकट पर तिमारपुर से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले जितेंद्र सिंह शंटी, प्रवेश रतन, करतार सिंह तंवर, बीबी त्यागी भी हाल में ही भाजपा छोड़कर आम में शामिल हो चुके हैं। बिट्ट एक बार निगम पार्षद और दो बार 2003 एवं 2008 में तिमारपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। वह 2017 में आप में शामिल हुए थे, मगर तब पार्टी में कोई अहम जिम्मेदारी नहीं मिली तो उसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने तिमारपुर से टिकट भी दिया था, लेकिन आप के दिलीप पांडेय के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
अब कुछ और करने का समय : पांडेय
बिट्टू के आप में शामिल होने से कुछ देर पहले ही दिलीप पांडेय ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मेरे लिए राजनीति में बने रहने का कुल संतोष यही रहा है कि हमारी सरकार की वजह से बहुत सारे आम लोग और गरीब लोगों का जीवन आसान हुआ। बहुत सारे बच्चों की जिंदगी के बेहतर होने की संभावनाएं प्रबल हुई। राजनीति में पहले संगठन निर्माण और फिर चुनाव लड़ने के दायित्व का निर्वहन करने बाद अब आप में ही रहकर कुछ और करने का समय है। रणनीति के चलते चुनाव से हट रहे आप नेता तिमारपुर से आप के मौजूद विधायक दिलीप पांडेय से पहले विधानसभा अध्यक्ष और शाहदरा से आप के मौजूदा विधायक रामनिवास गोयल भी एक दिन पहले उम्र का हवाला देते हुए चुनावी संन्यास का ऐलान कर चुके हैं। यह भी चर्चा है कि आप कई विधानसभा सीटों पर अपने चेहरे बदलने की रणनीति बना रही है और इसी के चलते उसके नेता चुनाव न लड़ने का फैसला कर रहे हैं। माना जा रहा है शाहदरा विधानसभा के लिए जितेंद्र सिंह शंटी को पार्टी में शामिल करवाकर गोयल को राजनीति से संन्यास लेने के बाद अब तिमारपुर के लिए बिट्टू को आप ने पार्टी में शामिल करवाया है।