कर्नाटक में भाजपा विधायक मुनिरत्न को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है। उन पर उत्पीड़न, धमकी और जाति आधारित दुर्व्यवहार करने के आरोप है। पुलिस ने बताया मुनिरत्न के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। एक वरिष्ठ पुलिस ने बताया कि हमने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
उन्हें कोलार से हिरासत में लिया गया और बेंगलुरु लाया जा रहा है, जिसके बाद उनके खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जाएगा। उधर, भाजपा ने भी मुनिरत्न के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी ने पांच दिनों के भीतर अनुशासन समिति के समक्ष उनपर लगे आरोपों को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। बता दें, मुनिरत्न कर्नाटक की विधानसभा सीट राजराजेश्वरीनगर से विधायक हैं।
क्या है मामला
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के ठेकेदार चेलुवराजू की शिकायत पर मुनिरत्न के खिलाफ दर्ज पहली प्राथमिकी में विधायक पर 30 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और राशि न मिलने पर अनुबंध समाप्त करने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है। चेलुवराजू ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि शुरुआत में मुनिरत्न ने उनसे 2021 में ठोस अपशिष्ट निपटान अनुबंध के लिए 20 लाख रुपये की मांग की, लेकिन अपशिष्ट प्रबंधन अनुबंध के लिए 10 ऑटो ट्रिपर प्राप्त करने के वास्ते भुगतान करने के बावजूद, नगर निकाय ने इन वाहनों को उपलब्ध कराने की स्वीकृति नहीं दी। चेलुवराजू को विधायक ने बार-बार परेशान किया और कथित तौर पर गाली गलौज व मारपीट की। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विधायक ने उन्हें अपना काम करने की अनुमति नहीं दी और सितंबर 2023 में उन्हें थप्पड़ भी मारा। पुलिस के अनुसार, ठेकेदार को कथित तौर पर धमकाने, गाली देने और परेशान करने के मामले में विधायक के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों सहित तीन अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
बीबीएपी पार्षद ने भी दर्ज कराई शिकायत
पुलिस ने बताया कि विधायक के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी बीबीएमपी पार्षद की शिकायत पर दर्ज की गई। पार्षद ने आरोप लगाया है कि विधायक ने जाति सूचक अपशब्द कहे तथा उनके परिवार का अपमान किया। विधायक ने कथित तौर पर चेलुवराजू से कहा कि वह पार्षद की जाति के कारण उनसे न जुड़ें। पुलिस के मुताबिक, मामले में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। बाद में, मुनिरत्न ने एक वीडियो संदेश जारी की कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘सत्य से कोसों दूर’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले 15 साल में किसी ठेकेदार या आम आदमी की तरफ से ऐसा कोई आरोप नहीं लगा कि मुनिरत्न ने अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। लोकसभा चुनाव और नतीजों के बाद मेरे खिलाफ साजिश रची गई।